विकासनगर। क्षेत्र के सबसे बड़े स्वास्थ्य केंद्र सीएचसी विकासनगर में इन दिनों कई प्राइवेट दवा कंपनियों के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव का बोलबाला है। यहां एमआर चिकित्सक के केबिन में बैठकर रजिस्टर में दवाइयों का नाम चढ़ाने से लेकर मरीज के पर्चों पर अपनी कंपनी की दवाइयां लिख रहे हैं। इसके साथ ही अस्पताल परिसर में सुबह से ही कई प्राइवेट पैथोलॉजी के एजेंट भी घूमते रहते हैं। इसके चलते अधिकांश चिकित्सक जरूरी जांच प्राइवेट पैथोलॉजी से कराने के लिए मरीजों को मजबूर कर रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन की मिलीभगत से यहां आने वाले मरीजों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है।
भले ही शासन ने अस्पताल परिसर में प्राइवेट कंपनी के एमआर के प्रवेश के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हों। शासन के दिशा-निर्देश के अनुसार ओपीडी के समय पर कोई भी एमआर चिकित्सक के केबिन में नहीं जा सकता है, लेकिन पछवादून के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विकासनगर में शासन के दिशा-निर्देंशों को ताक पर रखा जा रहा है। यहां चिकित्सकों की मिलीभगत से एमआर न केवल अस्पताल परिसर में डेरा डाले रहते हैं, बल्कि चिकित्सक के केबिन में बैठकर मरीजों के पंजीकरण रजिस्टर में आवश्यक जानकारी दर्ज करने के साथ ही मरीजों के पर्चे पर अपनी कंपनी की दवाएं भी लिख रहे हैं। इतना ही नहीं, एमआर कई घंटे एक ही चिकित्सक के केबिन में बैठे रहते हैं। अस्पताल सूत्रों के अनुसार परिसर में प्राइवेट कंपनी के एमआर की मौजूदगी के बाद से ही अस्पताल में आवश्यक जीवनरक्षक दवाओं की भी कमी हुई है। उधर, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके गुप्ता ने कहा संबंधित प्रभारी चिकित्साधिकारी से प्रकरण की जानकारी लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।