बोकारो (झारखंड)। टीबी के रोग पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन एक विशेष अभियान चलाने जा रहा है। इस अभियान के तहत गंभीर मरीजों (एमडीआर) को तलाशकर उन्हें दवा का पूरा कोर्स करवाने वाले डॉट्स प्रोवाइडरों को प्रति मरीज पांच हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाएंगे। बता दें कि पहले टीबी की प्रारंभिक अवस्था या एमडीआर मरीजों को दवा खिलाने पर डॉट्स प्रोवाइडर को सिर्फ 150 रुपए मिलते थे। इस कारण डॉट्स प्रोवाइडर मरीजों के प्रति उदासीन रहते थे। इस बीच बोकारो जिले में यक्ष्मा के कुल 681 मरीजों की पहचान की गई है। डॉट्स प्रोवाइडरों के माध्यम से अब इनके इलाज की व्यवस्था की जा रही है।
नई योजना के तहत मरीजों को दवा देने वाले डॉट्स प्रोवाइडरों को कैट वन की दवा का पूरा कोर्स कराने के एवज में एक हजार रुपए, कैट दो की पूरी दवा का कोर्स कराने पर डेढ़ हजार रुपए तथा मल्टी ड्रग रेसिस्टेंस (एमडीआर) डिफॉल्टर हुए मरीजों को कैट चार की दवा की पूरी कोर्स कराने के लिए उन्हें पांच हजार रुपए प्रति मरीज दिए जाएंगे। योजना शुरू करने के पीछे सरकार का यह उद्देश्य है कि डॉट्स प्रोवाइडर अधिक से अधिक मरीजों को खोज कर उनका इलाज कराएं। इससे बीमारी के उन्मूलन में काफी हद तक मदद मिलेगी। बोकारो जिला के यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. बीपी गुप्ता ने बताया कि टीबी उन्मूलन के लिए जिले को छह माह पहले ही पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना गया था। यहां संभावित मरीजों की खोज छह महीने से चल रही थी। सेंट्रल की टीम इसका आकलन करने जिले के दौरे पर आएगी।