नई दिल्ली। मादा मच्छर जनित जानलेवा रोग मलेरिया को जड़ से मिटाने के लिए बनाई गई एक नई दवा को मंजूरी मिल गई है। दरअसल, पी. विवाक्स मलेरिया के इलाज में ईजाद की गई ‘क्रिंटफेल’ (ताफनोक्विन) नामक एक नई दवा को ‘अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन’ (अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन) की मंजूरी मिल गई है। पी. वैवाक्स मलेरिया के लिए पहला नया उपचार है, जिसे वैश्विक स्तर पर मलेरिया के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। क्रिंटफेल नामक दवा का इस्तेमाल 16 वर्ष व उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए इलाज में संक्रमण को रोकने में सहायक है। यह लीवर में जाकर संक्रमण फैलाने वाले घातक जीवाणुओं को मारता है। पी. वैवाक्स मलेरिया मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में बड़ी बीमारी का कारण बनता है। सालभर में जून और सितंबर के महीने के बीच में सबसे अधिक मामले आते हैं। इसके बाद मार्च महीने में एक बार फिर इसके संक्रमण का खतरा रहता है। ‘वल्र्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन’ (डब्ल्यूएचओ) द्वारा विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2017 के मुताबिक, भारत में 1.31 मिलियन मलेरिया के मामले देखे गए और इनमें 23,909 मौतें हुई हैं।