अहमदाबाद, डॉ. संजय अग्रवाल। आज की दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण पहलू है स्वास्थ्य और संतुलित भोजन, लेकिन दु:ख की बात यह है कि इसी पहलु को लोग सबसे ज्यादा नजरअंदाज करते हैं। कहा गया है कि स्वास्थ्य ही संपदा है। इसका सही अर्थ है सही समय पर उचित मात्रा में पौष्टिक भोजन करना। इससे दिमाग सही तरह से काम करता है। शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र सक्रिय रहता है और सबसे अहम बात यह है कि मोटापा को भी आसानी से नियंत्रण में रखा जा सकता है।
स्वास्थ्यवर्द्धक खाना खाने का मतलब है सेहतमंद खाद्य पदार्थ का सेवन जिसमें फाइबर से भरपूर फल और सब्जियां, विटामिन युक्त खाद्य पदार्थ, प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ आदि। असल में यह मूल रूप से कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, प्रोटीन और पर्याप्त मात्रा में पानी से भरपूर आहार ही संतुलित आहार होता है। हार्वर्ड द्वारा दिया गया स्वस्थ भोजन पिरामिड पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है, इसीलिये यह बहुत लोकप्रिय हो रहा है।
इस पिरामिड का आधार रोजमर्रा के दैनिक आहार की जरूरतों पर निर्भर है और ऊपर के भाग में जो खाद्य पदार्थों की तालिका दी गई है, उसको बहुत ही संयम से सेवन करने की जरूरत है। पिरामिड के अनुसार सही आहार का सेवन कर स्वस्थ रह सकते हैं। प्रोटीन जैसे विभिन्न स्वस्थ पोषक तत्वों के मदद से व्यक्ति के विकास और स्वस्थ मनोदशा को बनाये रखने में सहायता मिलती है, जो विशेष रूप से विभिन्न पौधों और हमारे पशु स्रोतों से प्राप्त किया जा सकता है। मोटे लोग जंक फूड का सेवन ज्यादा करते हैं जो स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। कैल्शियम ऑस्टियोपोरोसिस का एक प्रमुख कारण रहा है और यह एक मध्यम आयु वर्ग या रजोनिवृत्ति के बाद की महिला के लिए आम समस्या है, इसलिए दैनिक आहार तालिका में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना अत्यंत आवश्यक होता है। सेहतमंद जीवन के लिए अपने आहार में इन बदलावों को शामिल करना जरूरी होता है जैसे, जंक या स्ट्रीट फूड का सेवन न करें। इसके स्थान पर खाद्य पदार्थों को स्वास्थ्यप्रद तरीके से बनायें, प्रतिदिन 8 गिलास पानी पियें, आहार में पानी से भरपूर फल और खाद्य पदार्थों को शामिल करें, एक बार में ज्यादा खाने के बजाए अलग-अलग समय थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा खाना चबाकर खाना भी अहम् होता है। देर रात खाना जो आज की युवा पीढ़ी के बीच एक आम आदत है, उसे बदलना भी जरूरी है। जल्दी खाने की आदत सेहतमंद जीवन की ओर महत्वपूर्ण कदम है।
अब तालिका में अगला स्तर आता है सस्टैनबल फूड का। आजकल यह धारणा नई है और इसलिए इसे सही तरह से समझना भी जरूरी है कि कैसे यह हमें फायदा पहुँचाता है? आप जानते हैं कि अपने खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता देने के लिए हमें समुद्र से प्राप्त खाद्य पदार्थों की तुलना में पौधे से समृद्ध खाद्य पदार्थों पर अधिक निर्भर रहना पड़ता है, जो ताजे पानी की प्राप्ति और जंगलों को काटने में मदद कर रहा है। हमारे आहार में मांस सामग्री को कम करना एक प्रस्तावित स्वस्थ आहार फार्मूला है, क्योंकि मांस की खरीद में जानवरों को एक जगह से दूसरे जगह ले जाना शामिल होता है। इससे उन्हें भोजन, पानी और प्रकृति से बहुत सारे संसाधन और ऊर्जा भी मिलती है।
तालिका का तीसरा स्तर है लंबे समय तक चल सकने वाला खाना खायें, जो पर्यावरण के लिए बेहतर होता है। यह अपने और परिवार के लिए भी स्वास्थ्यवर्धक होता है। स्थानीय स्तर पर उगाए जाने वाले खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देने से अर्थव्यवस्था में सुधार होता है। स्वस्थ पशुओं से प्राप्त खाद्य पदार्थ के सेवन से स्वास्थ्यवद्र्धक वातावरण बनता है और लोगों के लिए भी अच्छा होता है। इसलिए स्थानीय, ताजा और जैविक भोजन का सेवन करें। अत: हमेशा स्वास्थ्यवद्र्धक आहार योजना बनाना स्वस्थ और आनंददायक होता है जिसे हम लंबे समय तक बना कर रख सकते हैं