नई दिल्ली। पतंजलि के शर्बत को लेकर केस दर्ज हो सकता है। दरअसल, अमेरिका के स्वास्थ्य नियामक यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसएफडीए) का कहना है कि भारत में बेचे जाने के लिए तैयार किए गए पतंजलि के दो शर्बत उत्पादों पर लगे लेबल पर ‘अतिरिक्त औषधीय एवं आहार संबंधी’ दावे पाए गए, जबकि अमेरिका निर्यात किए जाने वाली बोतलों पर ऐसे दावे कम पाए गए। स्पष्ट है कि निर्यातित और घरेलू उत्पादों के लिए कंपनी के उत्पादन और पैकेजिंग क्षेत्र अलग-अलग हैं। गौरतलब है कि अमेरिका के खाद्य सुरक्षा कानून भारतीय कानूनों की तुलना में ज्यादा सख्त हैं। यदि पाया जाता है कि कंपनी ने अमेरिका में गलत तरीके से प्रचारित उत्पाद बेचे हैं तो यूएसएफडीए उसे उस उत्पादन का आयात बंद करने के लिए चेतावनी-पत्र जारी कर सकता है। उस उत्पाद की पूरी खेप को जब्त कर सकता है, संघीय अदालत से कंपनी के खिलाफ रोक का आदेश पारित करा सकता है और आपराधिक मुकदमा भी शुरू कर सकता है। इससे उस पर पांच लाख अमेरिकी डॉलर तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और कंपनी के अधिकारियों को तीन साल तक की जेल की सजा भी हो सकती है। यूएसएफडीए के एक जांच अधिकारी मॉरीन ए वेंटजेल ने पिछले साल मई में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के हरिद्वार संयंत्र की इकाई-तीन का निरीक्षण किया था। उन्होंने अपनी निरीक्षण रिपोर्ट में कहा कि मैंने पाया कि घरेलू (भारत) और अंतरराष्ट्रीय (अमेरिका) बाजारों में बेल शर्बत और गुलाब शर्बत नाम के उत्पाद पतंजलि के ब्रॉंड नाम से बेचे जा रहे हैं और भारतीय लेबल पर औषधीय और आहार संबंधी अतिरिक्त दावे हैं। पतंजलि ग्रुप के प्रवक्ता ने इस रिपोर्ट के बारे में अभी कोई जवाब नहीं दिया है।