प्रयागराज। कोरोना की दूसरी लहर ने हर तरफ तबाही मचा दी थी। हर तरफ दवा, ऑक्सीजन रेमडेसिविर इंजेक्शन की मारामारी देखने को मिल रही थी। जैसे ही कोरोना की दूसरी लहर से रहत मिली तो अब रेमडेसिविर इंजेक्शन की एक्सपायरी डेट को लेकर दवा विक्रेताओं की चिंता बढ़ गई है। कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन कितना कारगर रहा इस पर चिकित्सकों की राय अलग-अलग है। अधिकांश चिकित्सक इंजेक्शन से संतुष्ट नहीं हैं फिर भी इसका अपना अलग ही स्थान है। अब केंद्र सरकार का बचे हुए सभी इंजेक्शन की एक्सपायरी डेट को बढ़ाने पर जोर है ताकि अगले एक साल तक इसकी उपयोगिता बनी रहे। प्रयागराज में भी करीब 2000 इंजेक्शन बचे हैं जिस की डेट बढ़ाने की प्रक्रिया पर ड्रग विभाग ने संकेत दिए हैं।

प्रयागराज के ड्रग इंस्पेक्टर गोविंदलाल गुप्ता कहते हैं कि बचे हुए इंजेक्शन की एक्सपायरी डेट करीब एक साल बढ़ेगी। केंद्र सरकार ने इसकी एडवायजरी निर्माता कंपनी को भेजी है लेकिन उनके पास इसकी आफिशियल जानकारी नहीं आई है। कहा कि इंजेक्शन की अविध बढ़ जाएगी तो अच्छा ही होगा। हालांकि अब ऐसा लगता नहीं कि भविष्य में किसी को इस इंजेक्शन की जरूरत पड़ेगी।

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के डाक्टर सुजीत वर्मा कहते हैं कि रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बहुत कारगर नहीं रहा। इसे लगाने से मरीज की जान बच गई हो ऐसा भी नहीं देखा गया, क्योंकि अधिकांश मरीज तो अस्पताल तब आए थे जब उनकी हालत काफी खराब हो चुकी थी। रेमडेसिविर इंजेक्शन ऐसे में काम करता भी नहीं है। यही कहना है बेली अस्पताल के डाक्टर एमके अखौरी का। कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन उतना उपयोगी नहीं रहा जितना इसके बारे में प्रचार किया गया था।

रेमडेसिविर के बचे हुए इंजेक्शन सितंबर माह के अंत में ही एक्सपायर हो जाएंगे यानी सितंबर के बाद इसे किसी कोरोना संक्रमित मरीज को नहीं लगाया जा सकता। हालांकि इसकी एक्सपायरी डेट बढ़ जाएगी तो यह इंजेक्शन अगले एक साल तक पुन: उपयोगी हो जाएगा। केंद्र सरकार ने निर्माता कंपनी को पहले ही एडवायरी भेज दी है कि इंजेक्शन की एक्सपायरी डेट बढ़ाने जाने पर विचार करे। लेकिन डेट बढ़ाने पर निर्माता कंपनी क्या प्रक्रिया अपनाएगी यह अभी तय नहीं है। इंजेक्शन को वापस मंगाकर उसमें केमिकल बदलाव होगा या कंपनी किसी दूसरी प्रक्रिया के तहत इसका केवल टैग नया कर देगी इस पर असमंजस की स्थिति है।