मेरठ। आपदा में अवसर झुढ़ने वाले लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है। देश बहुत ही कठिन परिस्थिति से जूझ रहा है। फिर भी लोग जरुरी दवाओं की कालाबाजारी कर रहें है। बता दें कि कोरोना संक्रमण से पीड़ित मरीज के उपचार में प्रयोग होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही है। शुक्रवार को सुभारती में मरीजों को ब्लैक में इंजेक्शन भेजने की सूचना पर जानी पुलिस ने छापामारी की है। पुलिस के पहुंचने से पहले ही मेडिकल स्टोर स्वामी फरार हो गए। पुलिस उनकी तलाश में दबिश डाल रही है।

सुभारती मेडिकल कालेज में भर्ती मरीज के परिजनों को रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक में दे दिया। तभी तीमारदारों ने जानी पुलिस को मामले की सूचना दी, जब तक मेडिकल स्टोर स्वामी ने दो मरीजों को ब्लैक में दो इंजेक्शन दिए थे। पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद मेडिकल स्टोर दुकान बंद कर भाग गया। सीओ सरधना के नेतृत्व में पुलिस की टीम गठित कर रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले मेडिकल स्टोर स्वामी की धरपकड़ को उसके घर पर दबिश दी जा रही है।

सुभारती के चिकित्साधीक्षक डा. कृष्ण मूर्ति ने बताया कि मेडिकल कालेज से बाहर के मेडिकल स्टोर पर रेमडेसिविर की कालाबाजारी हो रही थी। सीओ सरधना ने फोन पर हमसे जानकारी ली, जिस मरीज को इंजेक्शन ब्लैक में दिया गया था। वह हमारे मेडिकल कालेज में भर्ती है। हमारी तरफ से रेमडेसिविर की कालाबाजारी नहीं की जा रही है। सीओ सरधना का कहना है कि पुलिस की टीम रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले की धरपकड़ को दबिश डाल रही है।

परतापुर के काजमाबाद गून के ग्रामीणों ने कंट्रोल रुम पर शिकायत की है कि कुछ फुटकर दुकानदार राशन व प्रोविजन स्टोर पर कीमत से पांच से दस रुपये अधिक वसूल रहे हैं। काजमाबाद गून निवासी सुनील पंडित, हरेंद्र, राजू व अमित ने बताया कि बीड़ी का बंडल दस रुपये की बजाय 12 रुपये कीमत पर मिल रहा है। दाल, चीनी, आटा, मसाले खाद्य वस्तुओं पर भी पांच से दस रुपये अधिक दाम वसूले जा रहे हैं। ग्रामीण मंगलवार को इसकी शिकायत डीएम से करेंगे।