शिमला (हिमाचल प्रदेश)। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोरोना संक्रमण को लेकर की जा रही रैपिड एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट सौ फीसदी विश्वसनीय नहीं है। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि रैपिड एंटीजन की रिपोर्ट पर सौ प्रतिशत भरोसा नहीं किया जा सकता है। सर्दी, खांसी, जुकाम से पीडि़त व्यक्ति जिनकी रिपोर्ट रैपिड एंटीजन टेस्ट में निगेटिव आई है, वे आरटीपीसीआर टेस्ट कराएं।
बताया जा रहा है कि रैपिड एंटीजन टेस्ट करने के लिए व्यक्ति के शरीर से खून की एक बूंद ली जाती है। 15 मिनट के बाद इसकी रिपोर्ट आ जाती है। सरकार ने सीएमओ और बीएमओ को निर्देश दिए हैं कि वे इस रिपोर्ट पर न जाएं। अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण हैं और रैपिड एंटीजन की रिपोर्ट निगेटिव आई हो तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति का आरटीपीसीआर टेस्ट करवाएं।
प्रदेश सरकार ने कोरोना का डेथ रेट कम करने का नया तरीका निकाला है। अगर कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति का आक्सीजन लेबल 90 फीसदी से कम हो रहा हो तो उसे तुरंत मेडिकल कॉलेज रेफर करने के निर्देश दिए गए हैं। अभी आक्सीजन का लेबल 40 से 50 फीसदी आने पर ही कोरोना मरीज को रेफर किया जाता है। उल्लेखनीय है कि अब तक हुई मौतों में 40 फीसदी लोगों की मृत्यु किसी दूसरी बीमारी से हुई है जबकि 30 फीसदी लोगों की मौत वक्त पर अस्पताल न पहुंचने से हुई है।