आगरा (उत्तर प्रदेश)। आगरा के रॉयल हॉस्पिटल का लाइसेंस कैंसिल कर दिया गया है। वहीं, प्रसूताओं का इलाज करने वाले सरकारी डॉक्टर पर भी गाज गिर सकती है। वहीं, सीएचसी खंदौली के प्रभारी को 11 आशा वर्कर्स के खिलाफ केस दर्ज कराने के भी आदेश दिए गए हैं।
यह है मामला
आगरा में स्थित रॉयल हॉस्पिटल में कमीशन के लालच में आशाएं व सरकारी चिकित्सक काम करते थे। बिना चिकित्सक के प्रसूताओं का इलाज करने और गर्भवतियों को भर्ती कराने के लिए आशा वर्कर्स को गिफ्ट बांटने का मामला प्रकाश में आया था।
11 आशा वर्कर्स के खिलाफ केस के आदेश
जांच में पता चला कि हॉस्पिटल में सरकारी चिकित्सक ऑपरेशन करता था। यह चिकित्सक फर्रुखाबाद में तैनात है। अब सरकारी डॉक्टर पर भी केस किए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इस मामले में जांच के बाद रॉयल हॉस्पिटल का लाइसेंस कैंसिल कर दिया गया है। साथ ही, सीएचसी खंदौली के प्रभारी सीएमओ को 11 आशा वर्कर्स के खिलाफ केस दर्ज कराने के आदेश भी दिए गए हैं।
आशा वर्कर्स को गिफ्ट बांटने का वीडियो हुआ था वायरल
बता दें कि ट्रांस यमुना कॉलोनी में स्थित रॉयल हॉस्पिटल में आशा को उपहार बांटने का वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल पर छापामारी की थी। जांच में पता चला कि कमीशन के लालच में आशा वर्कर्स और सरकारी चिकित्सक निजी अस्पताल के लिए काम करते थे। सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव के अनुसार छापे के दौरान रॉयल हॉस्पिटल से मरीजों की बीएचटी जब्त की गई थी।
सरकारी डॉक्टर भी आया लपेटेे में
जांच में पता चला कि फर्रुखाबाद के सरकारी अस्पताल में तैनात एनेस्थेसिस्ट यहां प्रसुताओं का इलाज करने आता था। उक्त डॉक्टर के खिलाफ भी केस दर्ज कराया जाएगा। वहीं, हॉस्पिटल से उपहार लेने वाली 11 आशाओं की सूची मिली थी। ये सभी खंदौली क्षेत्र की बताई गई हैं।
इनमें से तीन आशा ने छह महीने में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर एक भी प्रसव नहीं कराया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खंदौली के सीएमओ को सभी 11 आशा वर्कर्स के खिलाफ केस दर्ज कराने के आदेश दे दिए गए हैं।