चंडीगढ़। रोग जांच के नाम पर ली जाने वाली फीस हरियाणा राज्य में तय कर दी गई है। अब प्राइवेट अस्पताल मनमानने रेट नहीं ले सकेंगे।

जांच की ये होगी फीस

राज्य में अगले तीन साल तक कोई भी निजी अस्पताल और लैब संचालक डेंगू या चिकनगुनिया के टेस्ट के लिए मरीजों से 600 रुपये से अधिक नहीं ले सकेंगे। सिंगल डोनर प्लेटलेट्स के लिए मरीज से अधिकतम 11 हजार रुपये ही लिए जाएंगे। सरकारी अस्पतालों में इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने ये आदेश जारी किए हैं। उनके अनुसार मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी बुखार को महामारी अधिनियम के तहत अधिसूचित किया गया है। अब कोई भी निजी अस्पताल या लैब संचालक सिविल सर्जन को सूचना दिए बगैर मरीज को डेंगू या चिकनगुनिया से पीडि़त घोषित नहीं कर सकेगा।

एनएस वन या एलाइजा टेस्ट से ही डेंगू की सही पुष्टि

गौरतलब है कि निजी लैब संचालक किट से जांच करते हैं। इसे स्वास्थ्य विभाग संदिग्ध मानता है। मरीजों के एनएस वन या एलाइजा टेस्ट से ही डेंगू की सही पुष्टि होती है। किसी मरीज को पांच दिन से अधिक समय से बुखार है तो उसका एलाइजा टेस्ट किया जाएगा। पांच दिन से कम समय बुखार होने पर एनएस वन किट से टेस्ट किया जाएगा। इनमें मरीज का सीरम सैंपल लेकर जांच की जाती है।