सिद्धार्थनगर (उप्र)। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के गृह नगर में टीबी अस्पताल परिसर में मरीजों के लिए आई दवा को कुछ कर्मचारियों ने आग लगा कर नष्ट कर डाला। हालांकि विभाग के जिम्मेदार इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। दवा जलाने का वीडियो वायरल होने के बाद विभाग के जिम्मेदारों को पसीना आने लगा है। वहीं, जिम्मेदारों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार क्षय रोग उन्मूलन के लिए अभियान चला रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव-गांव जाकर रोगियों की पहचान में जुटी है। उन्हें नि:शुल्क दवा एवं पोषक तत्व उपलब्ध कराने के लिए हर माह पांच सौ रुपये भी देने का निर्देश है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग इस अभियान में रुचि नहीं ले रहा है। जानकारों की माने तो मरीजों को दवा ही उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। ऐसे में बचने वाली दवाओं को खपत दिखाकर इसे जला दिया जा रहा है। अस्पताल परिसर में आग जलते देखा तो कुछ लोग मौके पर गए। वहां दवाओं को जलाया जा रहा था। जागरूक लोगों ने इसका मोबाइल से वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। कई पैकेट में मौजूद दवाओं की फोटो भी खींची। जलाई जा रही दवा का नाम मोनोपास है। बैच नंबर बीएसके 785ए दर्ज है। उस पर उत्पाद तिथि 2017 व एक्सपायरी अप्रैल 2020 स्पष्ट उल्लेख है। इस संबंध में जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. सौरभ चतुर्वेदी का कहना है कि दवा जलाने की जानकारी मिली है। इसकी जांच शुरू करा दी गई है। मामले में जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।