रोहतक: हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार होने के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर तालमेल का अभाव है। यह बात रोहतक की सिविल सर्जन डॉ. दीपा जाखड़ ने खुद बयां की है। दरअसल, भु्रण लिंग जांच के धंधे में रोहतक के दलालों की गाजियाबाद में सक्रियता की खबरों पर संज्ञान लेते हुए रोहतक से स्वास्थ्य विभाग के आधा दर्जन डॉक्टर एवं अन्य कर्मचारियों की एक टीम रणनीति बनाकर गाजियाबाद रवाना हुई। रणनीति के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक गर्भवती महिला के जरिए दलाल से संपर्क साधा।
       दलाल सांपला से गर्भवती महिला को लेकर गाजियाबाद पहुंचा। स्वास्थ्य विभाग की छापा मार टीम उनका पीछा कर रही थी। जैसे ही दलाल गाजियाबाद स्थित भु्रण लिंग जांच के अड्डे पर पहुंचा तो टीम ने नियम के मुताबिक स्थानीय प्रशासन से सहयोग मांगा। सिविल सर्जन डॉ. दीपा जाखड़ की मानें तो गाजियाबाद प्रशासन ने कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। नतीजा यह हुआ कि लिंग जांच करने वाला डॉक्टर मशीन सहित भागने में कामयाब हो गया।
      मायूस होकर लौट रही टीम ने सांपला में उस वक्त कामयाबी हासिल कर जब दलाल उनके हत्थे चढ़ा। दलाल को पुलिस के हवाले कर स्वास्थ्य विभाग और ड्रग विभाग ने अपनी-अपनी कार्रवाई की। 25 हजार में तय हुए सौदे के 10 हजार पुलिस ने बरामद कर लिए। जो स्वास्थ्य विभाग की तरफ से महिला को दिए गए थे।
     देखना यह होगा कि आरोपी कानूनी दांवपेच या अन्य किन्हीं कारणों से बच निकलेंगे या स्वास्थ्य विभाग उन्हें सजा के अंजाम तक पहुंचाने में जोर लगाएगा। क्योंकि अकसर शुरुआती हरकत के बाद विभाग की आगे की कार्रवाई में आरोपी सजा से पहले ही बच निकलता है। अब इसे विभागीय कार्रवाई में कोताही कहें या कानूनी दांवपेचों में स्वास्थ्य और ड्रग अधिकारियों का पिछड़ जाना, कारण कुछ भी हो सकता है।