सागर। स्वास्थ्य विभाग के अधीन जिला अस्पताल के ब्लड बैंक व सेंट्रल लैब में पदस्थ लैब टेक्नीशियन्स ने यहां मरीजों की जांच के बाद तैयार होने वाली रिपोट्र्स पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है। इस आशय का एक लिखित पत्र उन्होंने सिविल सर्जन व लैब प्रभारी सहित शासन को भेजा है। पत्र में कहा गया है कि शासन के निर्देशानुसार वे ब्लड बैंक और जांच रिपोट्र्स पर हस्ताक्षर करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। इस कारण वे अब किसी भी रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। टेक्नीशियन्स के इस कदम के पीछे पिछले महीने एक प्रसूता को गलत ब्लड जारी करने, प्रसूता की मौत व भोपाल स्तर से चल रही जांच को लेकर बताया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो शासन पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत लैब टेक्नीशियन्स कार्रवाई से संबंधितों को बचाने के लिए दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि इस मामले में आला अधिकारी से लेकर सभी मौन साधे हैं। जिला अस्पताल में ब्लड बैंक व बायोकेमिस्ट्री सहित अन्य लैब में पदस्थ लैब टेक्नीशियन्स ने सिविल सर्जन डॉ. वीएस तोमर को एक पत्र सौंपा है। इसमें गया है कि मप्र शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के 2008 में दिए गए आदेश का हवाला दिया गया है। टेक्नीशियन्स ने संयुक्त रूप से कहा है कि वे ब्लड बैंक और लैब में होने वाली मरीजों की किसी भी स्तर की जांच रिपोट्र्स पर हस्ताक्षर करने के लिए सक्षम नहीं हैं। शासन ने इस आशय के आदेश पूर्व में जारी किए थे। रिपोट्र्स पर पैथोलॉजिस्ट या संबंधित विशेषज्ञ डॉक्टर ही हस्ताक्षर कर सकता है। अत: सभी टेक्नीशियन्स, बायोकेमिस्ट्री लैब सहायकों ने मरीज की इस तरह की किसी भी रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। इस पर अमल भी शुरू कर दिया गया है। टेक्नीशियन्स ने इस पत्र की प्रति शासन, संबंधित विभाग के मंत्री, स्वास्थ्य आयुक्त, संभागीय आयुक्त, कलेक्टर, सीएमएचओ सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को भी भेजी है। पत्र के साथ सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए आदेश की कॉपी व शासन द्वारा पूर्व में जारी एक पत्र की प्रति भी भेजी गई है। इस संबंध में जिला अस्पताल सागर के सिविल सर्जन डॉ. वीएस तोमर ने बताया कि अस्पताल में व्यवस्थाएं बनाने व समय पर मरीजों को जांच रिपोर्ट उपलब्ध करवाने के लिए पैथोलॉजिस्ट को निर्देशित किया गया है। यदि समस्या सामने आई तो अन्य डॉक्टरों को काउंटर साइन करने के लिए निर्देशित किया जाएगा।