नई दिल्ली। देशभर में वायु प्रदूषण की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यह न सिर्फ हमारी सेहत पर असर डाल रहा है बल्कि हमारी उम्र को भी कम कर रहा है। वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में इस बात का खुलासा किया है कि हवा में घुल चुके प्रदूषण से औसत भारतीय की उम्र डेढ़ साल तक कम हो गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हवा की बेहतर गुणवत्ता से दुनियाभर में मनुष्य की उम्र बढ़ सकती है। यह पहली बार है जब वायु प्रदूषण और जीवन अवधि पर डेटा का एक साथ अध्ययन किया गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसमें वैश्विक अंतर कैसे इंसान की लाइफ एक्सपेक्टेंसी पर असर डालता है।
अमेरिका के ऑस्टिन में टेक्सस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने वायुमंडल में पाए जाने वाले पीएम 2.5 कण से वायु प्रदूषण का अध्ययन किया। ये सूक्ष्म कण फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं और इससे दिल का दौरा पडऩे, स्ट्रोक, श्वसन संबंधी बीमारियां और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है। पीएम 2.5 प्रदूषण बिजली संयंत्रों, कारों और ट्रकों, आग, खेती और औद्योगिक उत्सर्जन से होता है। शोधकर्ताओं ने ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी के डेटा का इस्तेमाल कर पीएम 2.5 कण से वायु प्रदूषण का 185 देशों में क्या असर पड़ता है, इस बारे में जांच की। इसके बाद हर देश में वायु प्रदूषण का वहां रहने वालों नागरिकों के अनुमानित जीवनकाल पर क्या असर पड़ता है, इस बारे में जांच की। शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि वायु गुणवत्ता के लिहाज से अगर पीएम 2.5 के स्तर को 10 माइक्रोग्राम प्रति वर्ग घन मीटर रखा जाए तो दुनिया की औसत आयु 0.59 वर्ष बढ़ सकती है।