वाराणसी: हाल ही में वाराणसी में ड्रग विभाग के द्वारा नकली दवाओं के कारोबार करने वाले गिरोह का पर्दापाश हुआ था। गिरोह के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया था जिसके निशानदेही पर भारी मात्रा में नकली दवा बरामद की गई। अब सामने आया है कि इस मामले में एमआर की भूमिका  प्रमुख थी।

एमआर डॉक्टर तक पहुंचाता था नकली दवाईयां (वाराणसी)

पकड़ी गई दवाओं में से 24 दवाओं का सैंपल जांच के लिए लखनऊ लैब में भेजा गया है। इन कंपनियों का कारोबार अरबों रुपए में बताया जा रहा है। जांच में सामने आया है कि नकली दवाओं की सेलिंग में एमआर की मुख्य भूमिका रही। अच्छा-खासा डिस्काउंट देने की नीयत से एमआर इसको डाक्टरों तक पहुंचाने का कार्य करते हैं। डॉक्टर भी डिस्काउंट के चक्कर में नकली दवाओं को मरीजों को लिख रहे हैं।

50 से 60 प्रतिशत का डिस्काउंट

इन नकली दवाओं को डॉक्टर मरीजों को लिख रहे हैं। एक दवा में उनको 50 से 60 प्रतिशत का डिस्काउंट मिल रहा है। जितना डिस्काउंट मिल रहा है उतना माल बेचा जा रहा है।

ड्रग विभाग के अफसर ने जानकारी दी कि जो डॉक्टर जितना डिस्काउंट मांगता था उसको उतना ही दिया जा रहा है। साथ ही माल की भी सप्लाई उसी के आधार भी की जाती है। इसमें सबसे अधिक भूमिका एमआर की है। एमआर ही है जो कटिंग की दवा सबसे अधिक बेचते हैं। ये दवाईयों आम बीमारियों की हैं।

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देश के कई राज्यों में फैला है कारोबार

नकली दवाईयों की सप्लाई यहीं नहीं पूरे देश में जारी है। उड़ीसा, बंगाल, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में इनका जाल फैला है।  नकली दवा कारोबारियों ने सेम बैच की दवा बनाकर शहर में सप्लाई करते हैं। छापेमारी में हार्मोंस, जोड़ में दर्द, आंख की बीमारी, बुखार, पेन किलर की दवाईयां जब्त की गई है।