नई दिल्ली: देश की पांच बड़ी फार्मा कंपनियों में जगह बनाने वाली मैनकाइंड फार्मास्युटिकल में तैयार होने वाली दवाओं को रोगियों के लिए बेहद उपयोगी और किफायती बताने वाले अमिताभ बच्चन का वीडियों इन दिनों खूब चर्चा में है। पब्लिक और मैनकाइंड के बीच मजबूत रिश्तों की दुहाई देते बिग बी के कंपनी के साथ संबंधों पर सबकी निगाहे टिकी है। मैकाइंड फार्मा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राजीव जुनेजा ने कहा कि हमारा मानना है कि इस गठजोड़ से हमारे ब्रांड के प्रति भरोसा और बढ़ेगा। इससे उपभोक्ताओं में मैनकाइंड की ब्रांड छवि और मजबूत होगी। हम अमिताभ बच्चन के मैनकाइंड परिवार में आने का स्वागत करते हैं। दूसरी तरफ बिग बी ने कहा कि मैनकाइंड परिवार से जुडक़र मैं काफी खुश हूं। एक ऐसे ब्रांड से जुड़ा हूं जिसकी पहचान देश भर में सेवा देने वाली है। कंपनी ने कहा कि इस भागीदारी के जरिए वह अच्छी सेहत और सस्ते इलाज के महत्व को आगे बढ़ाएगी।
ऐसे में यदि कल को दवा की गुणवत्ता और उसकी ऊंची कीमतों को लेकर कोई विवाद उठता है तो क्या अमिताभ बच्चन संसदीय समिति के उस आदेश का उल्लंघन नहीं करेंगे जिसमें सेलिब्रेटियों को हिदायत दी गई है कि वह निजी कंपनियों के उत्पादों के प्रचार-प्रसार में सावधानी बरतें। खासकर जो विज्ञापन आम आदमी के स्वास्थ्य से जुड़ा हो। खाद्य उपभोक्ता विभाग एवं जन वितरण के मामलों को लेकर बनी संसदीय समिति ने प्रस्ताव दिया है कि अगर कोई सेलिब्रिटी विज्ञापन के जरिए किसी उत्पाद के बारे में गलत जानकारी देता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है। संसदीय सिमिति ने सिफारिश की है कि कोई सेलिब्रिटी विज्ञापन के जरिए किसी वस्तु के बारे में भ्रामक जानकारी देता है तो पहली बार गलती करने पर उसको 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाए साथ में 2 साल की जेल का भी प्रस्ताव है।
बता दें कि हाल ही में मैनकाइंड कंपनी का रिंग आउट विज्ञापन का प्रचार-प्रसार विवादों में रहा था। ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट, विनिरिऑल्जिस्ट और लिप्रोलॉजिस्ट ने उनके नए विज्ञापन के खिलाफ कंपनी को चिट्ठी भेजी थी। एसोसिएशन ने आरोप लगाया था कि क्रीम में जरूरी केमिकल्स की मात्रा सही नहीं है। ऐसे ड्रग्स का विज्ञापन देना गैरकानूनी है।