अमृतसर। ड्रग विभाग ने मजीठा रोड पर स्थित विल मार्क फार्मास्यूटिकल के दवाएं बनाने के लाइसेंस को रद्द कर दिया है। अब यह कंपनी दवाओं का निर्माण नहीं कर पाएगी। ड्रग इंस्पेक्टर की सिफारिश पर असिस्टेंट कमिश्नर ड्रग्स गुरबिंदर सिंह ने कार्रवाई की है। कुछ दिन पहले फैक्टरी से नशीली दवाएं मिली थीं। वहीं, कंपनी के खिलाफ कोर्ट में 3 मामले पहले से चल रहे हैं। ड्रग इंस्पेक्टर बबलीन कौर ने जानकारी के बाद जनवरी व जुलाई में इस कंपनी में रेड की थी। पुलिस के साथ हुई इस कार्रवाई में भारी मात्रा में नकली व नॉन स्टैंडर्ड दवाएं बरामद की। खास बात थी कि दवाओं पर जो लेबल था, असल में दवाएं वे थी ही नहीं। कई दवाओं तो घटिया क्वालिटी की भी सामने आई थी। इनमें ट्रोमाडोल प्रतिबंधित दवा भी शामिल थी। पुलिस ने फैक्टरी मालिक राजन भारद्वाज को अरेस्ट कर लिया था, जबकि आरोपी का भाई राजीव भारद्वाज अभी फरार है। एसएसपी देहाती ने मामला उभारा था कि फैक्टरी मालिकों ने कर्णदीप नामक युवक को 50 हजार रुपये में 40 हजार नशीली गोलियां बेची थीं। गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने पुलिस के सामने कंपनी का नाम लिया था। इसके बाद रेड करके फैक्टरी सील कर दी गई थी।