नई दिल्ली: अंधविश्वास और घरेलू उपाय से बचते हुए मिर्गी मरीज का वीडियो बना कर चिकित्सक से मिलें तो उपचार में शत-प्रतिशत सफलता मिल सकती है। यह कहना है एम्स में मिर्गी रोग पर रिसर्च करने वाली टीम की प्रमुख, न्यूरोलॉजी विभाग में प्रोफेसर डॉ. मंजरी त्रिपाठी का।
डॉ. त्रिपाठी के मुताबिक, सौ में से हर एक व्यक्ति मिर्गी रोग की गिरफ्त में है, लेकिन जागरुकता के अभाव और अंधविश्वास के चलते चिकित्सकों को इसके इलाज में उतनी सफलता नहीं मिलती, जितनी गुंजाइश है।
एम्स में मिर्गी के करीब 312 मरीजों पर किए गए रिसर्च में सामने आया है कि यदि दौरे के वक्त परिजन मरीज को जूता सूंघाना, मुंह में चम्मच डालने जैसे प्रयोग न कर बिना कोई हड़बड़ाहट किए उसे करवट देकर लिटा दें और उसका वीडियो बना लिया जाए तो डॉक्टर को शुरुआती लक्ष्ण जानने और उचित चिकित्सा में मदद मिलती है। अभी डॉक्टर को मिर्गी दौरे में मरीज के बामुश्किल एक से दो प्वाइंट ही मिल पाते हैं। रिसर्च के दौरान 340 मरीजों में से 312 की पहले साधारण और बाद में वीडियो के आधार पर चिकित्सा की गई तो, सुधार में परिणाम ज्यादा मिलेे। डॉ. मंजरी के मुताबिक, किसी भी रोगी का सफल इलाज तब संभव है, जब डॉक्टर को उसकी जड़ का पता चले। मरीज की पूरी हिस्ट्री जानने के बाद ही रोगमुक्ति की राह प्रशस्त होगी। डॉ० मंजरी का कहना है कि नए रिसर्च से मिर्गी रोग की बारीकियां जानकर इलाज करने में मदद मिलेगी।