बिलासपुर (छग)। सील किए गए अवैध क्लीनिक को खोलने के लिए नई युक्ति चर्चा में है। बिना डिग्रीधारी स्वयंभू चिकित्सक अवैध क्लीनिक का संचालन नहीं करने का शपथ पत्र भरकर सील क्लीनिक को फिर से खोल रहे हैं। जबकि,जानकारी होने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी शांत बैठे हुए हैं। गौरतलब है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिले के 500 से ज्यादा अवैध क्लीनिक को सील करते हुए झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। अब कई ऐसे झोलाछाप जिनके अवैध क्लीनिक को सील किया गया है, वे फिर से अवैध क्लीनिक का संचालन शुरू कर चुके हैं। जानकारी के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र के साथ शहरी क्षेत्रों के अवैध क्लीनिक फिर से खुल चुके हंै। अब हो यह रहा है कि झोलाछाप स्वास्थ्य विभाग को एक शपथ पत्र दे रहे हैं। इसमें झोलाछापों ने अवैध क्लीनिक के संचालन नहीं करने का शपथ ले रहे हैं। ऐसे में अधिकारी क्लीनिक की सील तोडऩे का निर्देश दे रहे हैं। लेकिन, जैसे ही सील तोड़ा जा रहा है, वैसे ही शपथपत्र भरने वाले झोलाछाप फिर से उसी अवैध क्लीनिक का संचालन शुरू कर रहे हैं। शहरी क्षेत्र अंतर्गत कुदुदंड, मंगला, जरहाभाठा, सरकंडा, तालापारा, तोरवा आदि क्षेत्र में सील किए गए अवैध क्लीनिक फिर से खुल चुके हैं। वहां पर झोलाछाप बिना खौफ के अवैध क्लीनिक का संचालन कर रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारियों का तो यहां तक कहना है कि झोलाछाप द्वारा क्लीनिक संचालन के पीछे सेटिंग का खेल है। अधिकारियों से मिलीभगत कर वे इस तरह अवैध तरीके से संचालन कर रहे हैं। नर्सिंग होम एक्ट के नोडल अधिकारी डॉ.केके जायसवाल ने बताया कि हमें भी जानकारी मिली है कि सील किए गए कुछ अवैध क्लीनिक फिर से खुल गए हैं। शिकायत यह भी मिली है कि झोलाछापों ने पहले अवैध क्लीनिक का संचालन न करने का शपथ पत्र भरा है और इसकी आड़ में सील हटवाकर क्लीनिक चला रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।