इंदौर (छत्तीसगढ़)। राजकीय महाराजा यशवंतराव अस्पताल में एक्स-रे के लिए दो मरीजों महिला और पुरूष को एक ही स्ट्रेचर साझा करने के मजबूर किया गया, जबकि दोनों एक-दूसरे से अंजान थे। जानकारी अनुसार खंडवा जिले के पंधाना की रहने वाली संगीता को एक दुर्घटना में घायल होने पर एमवाय अस्पताल रेफर किया गया था। उसे दाहिने पैर में फ्रैक्चर हुआ था और अस्पताल की दूसरी मंजिल पर भर्ती कराया गया। महिला के पति का आरोप है कि स्ट्रेचर की कमी का हवाला देते हुए उसे एक पुरुष रोगी के साथ कुछ चिकित्सकीय परीक्षण के लिए ले जाया गया। हम अपने मरीज का इलाज करवाने की खातिर मजबूर थे। इसका वीडियो वायरल होने के बाद, अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर ने डॉक्टरों, नर्सों और वार्ड बॉय सहित हड्डी रोग विभाग के ड्यूटी कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। उन्होंने यह भी कहा कि मामले में जो भी दोषी हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि अस्पताल में स्ट्रेचर या ऐसी अन्य सुविधाओं की कोई कमी नहीं है। घटना के पीछे का कारण ड्यूटी डॉक्टर और कर्मचारियों के जवाब के बाद साफ हो जाएगा। मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों में लापरवाही का ये पहला मामला नहीं है। गौरतलब है कि हाल ही में, जबलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक मरीज को एक्स-रे के लिए चादर में घसीट कर ले जाने का वीडियो भी वायरल हुआ था। इसके अलावा, एक बुजुर्ग व्यक्ति को सरकारी अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। उन्होंने पूरी रात मुर्दाघर में बिताई। जब उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए अगले दिन बाहर निकाला गया, तो उसे जीवित और सांस लेते हुए पाया गया। इस लापरवाही के बाद डॉक्टरों ने जल्द ही इलाज शुरू किया लेकिन अस्पताल में सुबह उनका निधन हो गया।