श्रीगंगानगर

मुख्यमंत्री नि: शुल्क दवा योजना के तहत अस्पतालों में मरीजों को बांटने के लिए भेजी गई दो दवाएं औषधि नियंत्रण विभाग के मानक स्तर पर खरी नहीं उतरी। इन दवाओं को फ्रीज कर दिया गया है। राजस्थान औषधि नियंत्रण विभाग के अनुसार औषधि नियंत्रण अधिकारी श्वेता छाबड़ा ने 20 अप्रैल को जिला औषधि भंडार गृह गंगानगर मेें छापा मारकर दवा के सैंपल लिए और जांच के लिए जयपुर भेज दिया। 27 जुलाई को रिपोर्ट में यह दवाएं अमानक घोषित हो गई और विभाग ने हिमाचल प्रदेश के कलाम स्थित दवा निर्माता कंपनी की सेफीक्सिम-100 एमजी की 9000 हजार गोलियां फ्रीज कर दी गई। जानकारी के अनुसार फोलिक एसिड साल्ट का उपयोग महिलाओं में आरबीसी बढ़ाने के लिए किया जाता है। जबकि सेफीक्सिम साल्ट एंटीबायटिक के रूम में प्रयोग किया जाता है।

हिमाचल प्रदेश की ही दूसरी कंपनी सिम्बॉयसिस फार्माक्यूटिक्ल्स फार्मा लिमिटेड कंपनी की जी-2 टेबलेट की शिकायत मिलने पर विभाग की ओर भंडार से जी-2 टेबलेट के सैंपल लेकर जांच करवाई गई तो यह दवा भी मानक स्तर पर खरी नहीं उतर पाई और फेल घोषित कर दी गई। जानकारी के अनुसार जी-2 टेबलेट में मैटफोरमिन और ग्लेमिप्राइड साल्ट से मिलकर तैयार की जाती है। औषधि नियंत्रण विभाग के अधिकारी अशोक मित्तल ने बताया कि जी-2 टेबलेट की 200 गोलियों के सैंपल लेकर जब जांच करवाई गई तो इसमें ग्लेमिप्राइड साल्ट की मात्रा केवल 43 प्रतिशत पाई गई जबकि यह साल्ट 2 मिली ग्राम होना चाहिए था। जांच में फेल पाए जाने पर औषधि नियंत्रण विभाग ने इस कंपनी की 8650 गोलियां फ्रीज कर दी। मित्तल ने बताया कि कंपनी के खिलाफ इस्तगासा पेश कर कार्रवाई की शिकायत कर औषधि नियंत्रण संगठन जयपुर से दिशा-निर्देशों की मांग की है।
सेफीक्सिम साल्ट की जगह गोलियों में डाल दिया फोलिक एसिड साल्ट औषधि नियंत्रण विभाग के औषधि नियंत्रक रामपाल वर्मा ने बताया कि दवा निर्माता कंपनी ओरिसन फार्मा की दवा सेफीक्सिम-100 एमजी की दवा जिसका बैच नंबर ओटीए-152767 जिसकी मैन्युफैक्चरिंग जनवरी 2015 और एक्सपायरी दिसंबर 16 अंकित की गई थी। कंपनी ने दवा बनाते समय टेबलेट में सेफीक्सिम की जगह फोलिक एसिड साल्ट डाल दिया और सेफीक्सिम की मात्रा नील ही रखी। कंपनी ने गोलियों के रैपर पर सेफीक्सिम-100 एमजी प्रिंट कर राजस्थान मुख्यमंत्री निशुल्क योजना के अंतर्गत मरीजों को वितरण के लिए औषधि भंडार गृह में भेज दिया।

दवा जब्त कर कंपनी से मांगा जवाब – औषधि नियंत्रक रामपाल वर्मा के अनुसार सिम्बोइसिस फार्माक्यूटिक्ल्स फार्मा लिमिटेड कंपनी से जब इस संबंध में जवाब मांगा तो कंपनी ने गलती स्वीकार करते हुए इन गोलियों में सेफीक्सिम साल्ट नहीं डाला जाना स्वीकार किया और गोलियों के पत्तों पर सेफीक्सिम साल्ट गलती से प्रिंट हो जाने की जानकारी विभाग को दी।