बद्दी (सोलन)। संक्रमण, हार्ट फेल, और बीपी समेत 50 दवाओं के सैंपल लैब जांच में फेल मिले हैं। इसके चलते आप सभी को सावधान रहने की जरूरत है। कहीं ऐसा न हो कि स्वास्थ्य ठीक होने की बजाय और ज्यादा खराब हो जाए। इनमें अकेले हिमाचल में बनी सात दवाइयां शामिल हैं।
यह है मामला
अप्रैल माह के ड्रग अलर्ट में हिमाचल प्रदेश की सात दवाओं समेत देश की 50 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतर पाई हैं। हिमाचल में बनी संक्रमण, हार्ट फेल, किडनी, उल्टी, अल्सर, बीपी व घबराहट की बीमारी के लिए तैयार की गई दवाओं के सैंपल फेल मिले हैं।
सोलन जिले की चार, सिरमौर की दो व ऊना के एक कंपनी की दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। केंद्रीय औषधी नियंत्रण संगठन ने अप्रैल में देशभर में दवाओं के सैंपल लिए थे, जिनमें 50 दवाएं मानकों पर सही नहीं पाई गईं।
ये दवाइयां मिली फेल
सोलन जिले के बद्दी के भटोलीकलां स्थित एमस्टर लैब कंपनी की जीवाणु संक्रमण की दवा सेफिक्सिम, सिरमौर जिले के कालाअंब स्थित विद्याशा फार्मास्युटिकल कंपनी की हृदयघात की दवा कार्वेडिलोल, बद्दी के संडोली स्थित हेल्थ बायोटेक कंपनी की किडनी की दवा नियोस्टिग्माइन इंजेक्शन का सैंपल फेल मिला है।
इनके अलावा, कालाअंब के ओगली स्थित केसपेन फार्मास्युटिकल कंपनी की उल्टी रोकने की दवा डाई फेंहाइड्रामीन दवा, मानपुरा स्थित वीआईपी फार्मास्युटिकल कंपनी की अल्सर की दवा रेबिप्रोजोल, ऊना के मैहतपुर स्थित स्विश गार्मियर्स बायोटेक कंपनी की उच्च रक्तचाप की दवा टेल्मीसार्टन व बद्दी के साई मार्ग पर एमडीसी फार्मास्युटिकल कंपनी की घबराहट की दवा मुकोमेल्ट ए टेबलेट के सैंपल सही नहीं पाए गए।
दवा कंपनियों को नोटिस जारी
राज्य ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर का कहना है कि जिन फार्मा की दवा के सैंपल फेल मिले हैं, उनको नोटिस जारी किए जाएंगे। इन फार्मा के दवाओं के लाइसेंस भी कैंसिल होंगे और बाजार से भेजा गया स्टॉक वापस लाने को भी कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि औषधि विभाग स्वयं भी इन उद्योगों में अपने स्तर पर सैंपल की जांच करेगा।