धनबाद। सदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में 6 लाख रुपए का दवा घोटाला हुआ है। इस घोटाले का केंद्र सीएचसी का ब्लॉक अकाउंट मैनेजर (बीएएम) संचित श्रीवास्तव को बताया जा रहा है। घोटाले का खुलासा होने के बाद सिविल सर्जन डॉ श्याम किशोर कांत के स्तर से मामले की जांच शुरू कर दी गई है। सिविल सर्जन के अनुसार एक-दो दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सिविल सर्जन- डॉ श्याम किशोर कांत ने बताया कि बिना किसी आदेश के ब्लॉक अकाउंट मैनेजर द्वारा लगभग 6 लाख रुपए की दवा खरीद का मामला सामने आया है। इसकी जांच की जा रही है। सदर सीएचसी के प्रभारी, ब्लॉक अकाउंट मैनेजर और दवा आपूर्तिकर्ता एजेंसी से उनका पक्ष मांगा गया है। एक-दो दिनों में जांच पूरी हो जाएगी। स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो दवा आपूर्ति के बाद आपूर्तिकर्ता एजेंसी ने सदर सीएचसी को दवा का बिल भेजा और भुगतान की मांग की।

दवा के बिल के साथ एजेंसी द्वारा किसी सक्षम अधिकारी का आदेश नहीं दिया गया और न ही आपूर्ति का आदेश था। पूछताछ में एजेंसी संचालक ने बताया कि ब्लॉक अकाउंट मैनेजर संचित श्रीवास्तव के मौखिक आदेश पर उन्होंने दवा की आपूर्ति की है। इसके बाद मामला खुलता चला गया और अब इसकी जांच शुरू हो गई है। आपूर्तिकर्ता एजेंसी ने अधिकारियों को यह भी बताया कि ब्लॉक अकाउंट मैनेजर ने यह कहते हुए बिना किसी लिखित आदेश के दवा मंगवाई कि अभी कोरोना चल रहा है।

इमरजेंसी है तुरंत दवा की आपूर्ति करिए। कागजी प्रक्रिया बाद में पूरी होगी।अधिकारियों की मानें तो जनवरी से ही दवा की आपूर्ति शुरू हो गई थी। दवा सीधे स्वास्थ्य केंद्रों में आपूर्ति की जा रही थी। वरीय अधिकारियों और सीएचसी के प्रभारी को इसकी भनक तक नहीं लगने दी गई थी। अधिकारियों की मानें तो ब्लॉक अकाउंट मैनेजर ने बिना किसी वरीय अधिकारी के आदेश के चौधरी डिस्ट्रीब्यूटर से दवा की आपूर्ति करा ली। सिविल सर्जन या सीएचसी के प्रभारी डॉ सुनील कुमार को इसकी भनक तक नहीं लगने दी गई। दवा मंगवाकर उसे गुपचुप तरीके से उप स्वास्थ्य केंद्रों समेत अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में वितरित भी करा दी गई।