जोधपुर (राजस्थान)। ड्रग्स कंट्रोल विभाग ने सरकारी दवाओं पर निजी कंपनी का लेबल लगाकर बेचने वाला गिरोह पकड़ा है। जोधपुर के पीपाड़ में सब्जी मंडी के पास स्थित कच्छवाह मेडिकल स्टोर पर ड्रग्स कंट्रोल विभाग की टीम ने छापामारी की। यहां पशु चिकित्सा विभाग के सरकारी इंजेक्शन पर निजी कंपनी का लेबल लगाकर बेचने का मामला पकड़ में आया। ड्रग कंट्रोल विभाग के अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि कितनी मात्रा में दवाओं को बरामद किया गया और कौन-कौन इस गोरखधंधे में लिप्त हैं। हालांकि, इस मामले में पशु चिकित्सा विभाग के कई अधिकारियों के संलिप्त होने का अंदेशा जताया गया है। विभाग के अधिकारी राकेश वर्मा ने बताया कि भेड़ों में पाई जाने वाली पेस्टड्स पेटिट्स नामक बीमारी में इस्तेमाल की जाने वाली इस वैक्सीन को पीपीआर के नाम से जाना जाता है। वास्तविकता में रक्षा पीपीआर इसका नाम है। इस वैक्सीन को इंडियन इम्युनोलॉजिकल लिमिटेड बनाती है, जो कि भारत सरकार का उपक्रम है। इसका मुख्यालय हैदराबाद में स्थित है। यह वैक्सीन निर्माण में दुनिया की बड़ी कम्पनियों में शामिल है। कछवाहा मेडिकल स्टोर पर मिली दवाओं पर भारत सरकार के उपक्रम इंडियन इम्यूनोलॉजिकल के लेबल लगे थे। दरअसल, सरकारी इंजेक्शन पर इस उपक्रम के फर्जी लेबल छपवा कर बाजार में बेचा जा रहा है। भेड़ों को लगने वाले इस पीपीआर वैक्सीन इंजेक्शन की एमआरपी 495 रुपए है।