रोहतक:  जिस वक्त ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक की शान में हरियाणा सरकार सडक़ पर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं और बेटी खिलाओ के नारे लगा रही थी, उस वक्त प्रदेश के गुडग़ांव जिले (अब गुरुग्राम) के सामान्य अस्पताल में एक 11 वर्षीय बच्ची की अव्यवस्था और लापरवाही की वजह से असमय मौत हो गई। सरकारी स्वास्थ्य सिस्टम को ‘तमाचा’ मारने वाली इस हृदयविदारक घटना में बच्ची नेहा तीन घंटे तक इलाज के लिए अपनी मां के साथ लाईन में खड़ी रही और अंत में तड़पकर जान दे दी। शर्म की बात ये कि, लापरवाही का संज्ञान लेने के बजाय सीएमओ डॉ. रमेश धनखड़ ने बेटी का शव लिए रोती-बिलखती मां को ही जिम्मेदार ठहरा दिया। मामला मीडिया में आने के बाद डॉ. धनखड़ जरूर संवेदना व्यक्त करते दिखे, लेकिन एक चैनल पर दिए लंबे बयान में एक दफा भी उन्होंने अस्पताल प्रंबधन या व्यवस्था की लापरवाही नहीं स्वीकारी। बेशक बात संभालते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता जवाहर यादव ने नेहा की मौत के पीछे की पूरी वजह का पता लगाने के लिए गंभीरता से अतिशीघ्र जांच कराने और दोषियों को बख्शा नहीं जाने का वायदा किया है, लेकिन समयर पर इलाज नहीं मिलने से नेहा की मौत ने सरकार की स्वास्थ्य सेवा पर बड़ा प्रश्नचिह्न अवश्य चस्पा दिया।

पिछले तीन महीने से गुरुग्राम के सामान्य अस्पताल में नेहा का पेट में इन्फेक्शन का इलाज चल रहा था। बीते दिन भी मां, लाडली को इलाज के लिए अस्पताल पहुंची तो ओपीडी पर्ची बनवाने के लिए लंबी कतार लगी थी। पीडि़ता के मुताबिक, लाईन में करीब तीन घंटे खड़े होने के बाद भी नंबर नहीं आया तो, नेहा की हालत बिगड़ गई। जब तक उसे उपचार के लिए इमरजेंसी ले जाया गया, उसकी मौत हो गई। घटना की जिम्मेदारी लेने के बजाय अस्पताल प्रबंधन बचने और लीपापोती की मुद्रा में नजर आ रहा है।

सीएमओ डॉ. रमेश धनखड़, इस बात से भी साफ इनकार करते दिखे कि पर्ची बनवाने में कई-कई घंटे लगते हैं, जबकि तस्वीरों से उनकी बात सफेद झूठ साबित हो रही है।
साइबर, मेट्रोसिटी जैसे नामों से विख्यात महानगरीय इस क्षेत्र के सरकारी अस्पताल की खिडक़ी पर जमा छोटे बच्चों के साथ महिलाओं की भारी भीड़ हरियाणा सरकार के उस दावे की भी पोल खो रही है, जहां राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के अलावा अन्य मंत्री और नौकरशाह यह कहते नहीं थकते कि ऑनलाइन व्यवस्था से नागरिक अस्पतालों में इलाज आसान और बेहतर हो रहा है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि रियो के जश्न में डूबे स्वास्थ्य मंत्री अनि विज मौत का शिकार हुई इस बेटी के घर जाएं और स्वास्थ्य विभाग में सुधार और जिम्मेदारी तय करें।
क्योंकि बेटिया बचेंगी ही नहीं, तो खेलेंगी कहां से