छाती के बीच में होने वाले दर्द और बेहोशी को न करें अवॉइड 
जयपुर। हार्ट पर ज्यादा दबाव पडऩे और पल्स बढऩे पर अटैक फेलियर की संभावना बढ़ जाती है। सर्दियों में हार्ट अटैक और फेलियर के बीस से तीस परसेंट तक केस बढ़ जाते हैं। इस मौसम में पेरिफल आर्टरीज सिकुडऩे पर ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। वहीं, हार्ट को सर्दी के मुताबिक बॉडी का तापमान मेन्टेन करने के लिए ज्यादा काम करना पड़ता है। छाती के बीच में होने वाले दर्द और बेहोशी को अवॉइड नहीं करना चाहिए। गोल्डन पीरियड में ही पेशेंट्स को ट्रीटमेंट देकर उसकी जान बचाएं। यह कहना है कि एसएमएस हॉस्पिटल के कार्डियकसर्जन डॉ. संजीव देवगौड़ा का। उनका कहना है कि छाती में दर्द, घबराहट और घुटन महसूस होने पर हार्ट अटैक हो सकता है। ऐसे में छाती पर हार्ट को दबाते हुए मसाज देना शुरू दें। मुंह से सांस देते रहें ताकि दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन मेंटेन रहते हुए हार्ट चल पाए। हॉस्पिटल पहुंचने तक मसाज लगातार देते रहें। एंजाइना होने पर जीभ के नीचे रखी जाने वाली नाइट्रेट की टेबलेट भी दे सकते हैं। आजकल बाइपास सर्जरी ने लोगों की जिंदगी जीने की क्षमता बढ़ रही है। पैर की नसों के बजाय हार्ट की नसें ग्राफ्ट कर कोरोनरी आर्टरीज पर लगाई जाती हैं। ये ग्राफ्ट लंबे समय तक बंद नहीं हो पाते हैं। अटैक आने पर पेशेंट को हॉस्पिटल पहुंचना चाहिए। वेंटिलेटर पर ऑक्सीजन देकर बचाया जा सके।
 
70 फीसदी ब्लॉकेज पर एंजियोप्लास्टी 
सर्दियों में आर्टरीज सिकुडऩे, पानी कम पीने और नमक की मात्रा ज्यादा लेने की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ता है। साथ ही ऑयली फूड ज्यादा खाने और कॉलेस्ट्रॉल लेवल बढऩे से अटैक आने की रिस्क बढ़ जाती है। शुरुआत में व्यक्ति को खाना खाने के बाद अक्सर हार्ट प्रॉब्लम शुरू होती है। छाती के बीच में दर्द शुरू होकर बाएं हाथ की तरफ जाता है। पसीने के साथ उल्टी शुरू होती है। स्मोकर, ज्यादा कॉलेस्ट्रॉल और ज्यादा वजनी लोगों में अटैक की संभावना बढ़ जाती है। 70 परसेंट से ज्यादा ब्लॉकेज होने पर एंजियोप्लास्टी और इससे कम होने पर पेशेंट को मेडिकल ट्रीटमेंट पर रखा जाता है।