नई दिल्ली। कोरोना वायरस के इस संक्रमण काल में सबको अत्यधिक सचेत रहने की जरूरत है। बुखार-खांसी व गले में खराश के साथ ही अब उल्टी-दस्त के मरीज भी जल्दी ठीक नहीं हो पा रहे हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज की ट्राएज ओपीडी में डॉक्टरों ने जांच में ऐसे मरीजों में कोरोना वायरस की पुष्टि को पाया है।
बता दें कि ट्राएज ओपीडी में रोजाना 350 मरीज रोज आ रहे हैं। इसमें बुखार-खांसी, बिना लक्षण वाले करीब 280 से अधिक मरीज हैं। उल्टी-दस्त के 10 से 15 मरीज होते हैं। ट्राएज ओपीडी प्रभारी डॉ. प्रभात अग्रवाल ने बताया कि मरीज के दवा लेने पर भी जब उल्टी-दस्त ठीक नहीं होते, तब अस्पताल आते हैं। उल्टी-दस्त के मरीजों में संक्रमण की एक वजह यह भी है कि बाजार में स्टॉल पर बिना मास्क पहने ही लोग खाने-पीने की सामग्री बेच रहे हैं और लोग वहीं खड़े होकर खा रहे हैं। एसएन कॉलेज में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करने वाले वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अजीत चाहर ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज का पेट खराब हो सकता है। उसे जुकाम-खांसी और बुखार जैसे लक्षण भले ही न हों। ऐसे मरीज आ रहे हैं। जांच में उच्च रक्तचाप नियंत्रित नहीं होता तभी उनको भर्ती करते हैं, बाकी उन्हें होम आइसोलेशन में रहने की सीख दी जाती है।