जयपुर । आप सभी को सावधान रहने की जरूरत है। दरअसल, कई लोग कोरोना महामारी की आड़ में ठगी की वारदातों को अंजाम देने से बाज नहीं आ रहे हैं। सायबर ठग मुफ्त कोरोना टेस्ट करवाने और बीपी, ऑक्सीजन लेवल मापने के एप मोबाइल में डाउनलोड करवाने के बहाने लोगों से धोखा कर रहे हैं। कोरोना वैक्सीन बेचने के नाम पर भी ठगी का मामला प्रकाश में आया है।
सायबर ठगी के बड़े अड्डे डार्क वेब पर इन दिनों सायबर ठग कोरोना वैक्सीन बेचने का दावा कर रहे हैं। सायबर इस कथित कोविड वैक्सीन की डील क्रिप्टोकरेंसी के रूप में पेमेंट वसूल ठगी कर रहे हैं। डार्कवेब पर कोरोना वैक्सीन बेचने वाले सायबर ठगों को दावा है कि चीन ने कोरोना की वैक्सीन बना ली लेकिन दूसरे देशों को नहीं बेच रहा और चाइना की वुहान वायरोलोजी के वैज्ञानिक भी इस वैक्सीन से जुड़ी कोई जानकारी शेयर नहीं कर रहे लेकिन हमने कई देशों में इसे बेचा है। सायबर एक्सपर्ट राजशेखर राजहरिया ने बताया कि डार्क वेब पर बेची जा रही वैक्सीन की होम डिलिवरी का दावा किया जा रहा है। इसके लिए सायबर ठग केवल क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन से ही पेमेंट लेते है। जो कोई भी इनके चंगुल में फंसकर ऑर्डर करता है तो पैसे गंवा देता है, इसलिए सबसे जरूरी है कि ऐसे किसी झांसे में न आएं। चूंकि बिटकाइन को ट्रैस नहीं किया जा सकता, इसलिए ठगी होने के बाद ऐसे अपराधियों का पकडऩा भी मुश्किल है। कोरोना की दवा भी डार्क वेब पर बेची जा रही है।