नई दिल्ली। कोरोना वायरस से बीपी, शुगर, डायबिटीज के मरीजों को बचकर रहना ज्यादा जरूरी है। यह वायरस इन मरीजों को जल्दी अपनी चपेट में ले सकता है। दरअसल, चाइना से आने वाली दवाओं में इस्तेमाल होने वाले साल्ट और माल्यूकल्स व सर्जिकल आइटम्स की कमी शुरू हो गई है। दवा करोबारी भी इसको लेकर चिंतित हैं। वहीं प्रेसक्राइब करने वाले डाक्टर्स भी इसको लेकर अभी से टेंशन में नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि कोरोना को लेकर विश्वभर में फैले वायरस की चपेट में हजारों लोग आ चुके हैं। थोक दवा व्यापारियों की मानें तो चाइना से हमारे देश में 80 प्रतिशत दवा के साल्ट और माल्यूकल्स आते हैं, जो फिलहाल इंडिया में आने बंद हो गए हंै। अगले कुछ दिनों में इसका शार्टेज होना तय है। दवा विक्रेताओं का कहना है कि आने वाले दिनों में थोक व फुटकर व्यापारियों की दुकानों पर विटामिंस, पैरासिटामॉल, वैक्सीन, एंटीबॉयोटिक कॉडिएक, ब्लड प्रेशर व डायबिटीज की दवाएं मिलनी मुश्किल हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे ट्रेंप्रेचर बढ़ेगा तभी कोरोना वायरस से निजात मिल सकता है। वहीं, क्लीनिक व फुटकर दवा की दुकानों में मिलने वाले दुकानदारों की मानें तो जब थोक मार्केट में दवा की शार्टेज होगी। ऐसे में दवा महंगी हो सकती हैं। ड्रग्स विभाग का कहना है कि दवा की शार्टेज को लेकर रिपोर्ट ली जा रही है। कोशिश है कि दवा की कमी नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जाएगी। अभी हालात पर नियंत्रण है।