नई दिल्ली। आजकल हर दूसरा व्यक्ति ओबेसिटी और बढ़ते वजन से परेशान है। हालांकि यह रोग खानपान में अनियमितता और अंसतुलित लाइफस्टाइल के कारण होता है। इसके अलावा भी कई ऐसे कारण हैं जो ओबेसिटी और बढ़ते वजन का कारण बनते हैं। बता दें कि ज्यादा दवाओं का सेवन भी ओबेसिटी और बढ़ते वजन का कारण बनता है। उपचार के दौरान दी जाने वाली दवाओं की वजह से भी ऐसी समस्या हो सकती है। इस बात में कोई दोराय नहीं है कि हर दवा का कोई न कोई साइड इफेक्ट जरूर होता है, लेकिन यहां हम कुछ ऐसी दवाओं की बात कर रहे हैं, जो वजन बढ़ाने के लिए खास तौर पर जिम्मेदार मानी जाती हैं। लंबे समय तक ली जाने वाली दवाएं व्यक्ति का वजन बढ़ा देती हैं। मोटापा केवल सौंदर्य से जुड़ा मामला नहीं है, बल्कि इसकी वजह से डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर, हृदय रोग, अनिद्रा व इनफर्टिलिटी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए यह जानना जरूरी है कि किस तरह की दवाएं व्यक्ति का वजन बढ़ा सकती हैं।
डिप्रेशन की समस्या से ग्रस्त लोगों को एंटीडिप्रेजेंट दवाएं दी जाती हैं। इनमें कई ऐसे तत्व होते हें, जो व्यक्ति का वजन बढ़ा देते हैं। एपिलेप्सी, नर्वस डिसॉर्डर जैसे मानसिक रोगों के लिए मूड स्टैब्लाइजर का काम करने वाली कई दवाएं समय के साथ व्यक्ति का वजन बढ़ा सकती हैं। इन दवाओं में कुछ ऐसे केमिकल्स होते हैं, जो शरीर और ब्रेन को तनाव मुक्त कर देते हैं। इससे इन दवाओं का सेवन करने वाले व्यक्ति को ज्यादा नींद आने लगती है और उसका वजन बढऩे लगता है। ऐसे मरीजों को नियमित रूप से अपने डॉक्टर से सलाह लेते रहना चाहिए। इन दवाओं की वजह से मस्तिष्क के उस हिस्से की कार्यप्रणाली बिगड़ जाती है, जो भूख को नियंत्रित करता है। इसलिए ऐसी दवाओं के नियमित सेवन से व्यक्ति को ज्यादा भूख लग सकती है। जो लोग बिना डॉक्टर की सलाह लिए अपने मन से मल्टी विटमिन की गोलियों का लंबे समय तक सेवन करते हैं, उन्हें भी ओबेसिटी की समस्या हो सकती है। दरअसल ऐसी दवाएं शरीर मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को सक्रिय कर देती हैं, जिससे लोगों को ज्यादा भूख लगती है और उनका वजन तेजी से बढऩे लगता है।
हृदय रोग से बचाव के लिए जिन दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है, उनकी वजह से भी लोगों का वजन बढ़ता है क्योंकि ये दवाएं कैलोरीज बर्न करने की प्रक्रिया धीमी करने के साथ शरीर में वॉटर रिटेंशन की समस्या भी बढ़ा देती हैं।
इन्फेक्शन से छुटकारा पाने के लिए अक्सर लोग एंटीबायोटिक्स का सहारा लेते हैं। इससे यह समस्या आसानी से दूर हो जाती है, पर सर्दी-जुकाम जैसी छोटी-छोटी परेशानियों के लिए हमेशा ऐसी दवाओं के सेवन करने वालों को ओबेसिटी हो सकती है। अध्ययन में यह पता चला है कि कुछ गर्भनिरोधक गोलियों के कारण स्त्रियों का वजन बढ़ता है क्योंकि ऐसी दवाओं में मौजूद प्रोजेस्टेरॉन और एस्ट्रोजन हॉर्मोन के साइड इफेक्ट की वजह से शरीर में फ्लूइड रिटेंशन यानी पानी की मात्रा बढऩे की समस्या होती है, जिससे उनका वजन बढ़ जाता है। माइग्रेन का दर्द दूर करने वाली दवाओं की वजह से भी लोगों का वजन बढऩे की आशंका रहती है। ऐसी दवाएं टेस्ट बड्स को सक्रिय कर देती हैं, जिससे व्यक्ति को बार-बार खाने की इच्छा होती है। इंसुलिन भी व्यक्ति का वजन बढ़ा सकता है। टाइप-डायबिटीज के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं भी वजन बढ़ा सकती हैं। ऐसी दवाओं के सेवन से साल भर में व्यक्ति का वजन 4-5 किलो तक बढ़ सकता है। अगर उपरोक्त छोटी-छोटी बातों के प्रति सतर्कता बरती जाए तो दवाओं की वजह से होने वाली आबेसिटी से बचाव संभव है। आपको ऐसा लगे कि किसी ख़्ाास दवा के सेवन से आपका वजन बढ़ रहा है तो तुरंत अपने डॉक्टर को इस बारे में बताएं, ताकि वह आपको उस दवा के विकल्प के रूप में दूसरी दवा लेने की सलाह दे, जिससे ये साइड इफेक्ट्स न हों। सही और स्वस्थ खानपान अपनाकर भी बढ़ते वजन को नियंत्रित किया जा सकता है।