देहरादून। आयुर्वेद के नाम पर भ्रामक दावों के साथ किए जाने वाले विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने फार्मा को-विजिलेंस का गठन किया गया है। उत्तराखंड में इसका सेंटर आयुर्वेद विश्वविद्यालय में बनाया गया है। यहां किसी भी प्रकार के दवाओं के भ्रामक प्रचार व दावों से संबंधित शिकायतों को पंजीकृत कर इन्हें ड्रग्स कंट्रोलर को भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि आयुर्वेद के नाम पर अक्सर भ्रामक दावों के साथ किए जाने वाले विज्ञापनों की बड़ी भूमिका रही है। हाल ही में कई आयुर्वेद की दवाओं के नाम पर दावों के कारण कई क्लीनिक सीज किए गए हैं। भारत सरकार आयुष मंत्रालय ने अब इन्हीं भ्रामक विज्ञापनों पर नकेल कसने को राज्यों में फार्मा को-विजिलेंस सेंटर बनाया है। राज्य का फार्मा को-विजिलेंस सेंटर केंद्र आयुर्वेद विश्वद्यालय के एडमिन ब्लॉक में बनाया गया है। यह फार्मा को-विजिलेंस कार्यालय किसी भी प्रकार के दवाओं के भ्रामक प्रचार या दावों से संबंधित शिकायतों को पंजीकृत कर राज्य स्तर के ड्रग कंटोलर को भेजेगा। आगे की कार्रवाई ड्रग कंट्रोलर द्वारा की जाएगी। फार्मा को-विजिलेंस सेंटर उत्तराखंड के नोडल अधिकारी डॉ. अमित के अनुसार आयुर्वेद विश्वविद्यालय में स्थित इस विशेष केंद्र के बारे में आम जनता तो दूर चिकित्सक वर्ग, शिक्षक वर्ग एवं छात्रों को भी जानकारी नहीं है। ऐसे में केंद्र के कार्यप्रणाली के बारे में जागरूक करने के लिए पेरीफेरल फार्मा को-विजिलेंस सेंटर द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।