सोलन (हिमाचल प्रदेश)। हिमाचल के फार्मा उद्योगों की दवाएं केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) के तय मानकों पर खरी नहीं उतर पा रही हैं। मई माह के ड्रग अलर्ट में देशभर में 25 दवाओं के सैंपल फेल आए हैं। इनमें से हिमाचल के फार्मा उद्योगों की 6 दवाएं शामिल हैं। इनमें औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन की 4, परवाणु और सिरमौर के एक-एक उद्योग की दवा है। जिन दवाओं के सैंपल फेल मिले हैं, उनमें मेडिपोल फार्मास्यूटिकल भुड्ड बद्दी की अलप्राजोलम, मोरपैन लैबोरेट्रीज सेक्टर-2 परवाणू की रि-जर्मीना, बे-बेरी फार्मास्यूटिकल हिमुडा इंडस्ट्रियल एरिया भटौलीकलां की एटोरफस्र्ट-10, यूनिटल फार्मेशन ईपीआईपी फेस-1 झाड़माजरी बद्दी की डेक्सामैथासोन इंजेक्शन, एसबीएस बायोटेक मौजा रामपुरा जट्टां नाहन रोड कालाअंब सिरमौर की लेवेटाईरोसीटाम, नूतन फार्मास्यूटिकल टिपरा बरोटीवाला की सेफपोडॉक्सीम दवा शामिल हैं।
सहायक राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि संबंधित उद्योगों को नोटिस जारी कर फेल सैंपलों के बैच मार्केट से हटाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि ये दवाइयां जीएबीए की क्रिया को बढ़ाकर नींद को सामान्य करने, संक्रामक व जीवाणुनाशक संबंधित दस्त, लिपोप्रोटीन या खराब कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने, श्वास रोग, मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाओं की असामान्य व अत्यधिक गतिविधियों को नियंत्रित करके दौरे व मिर्गी नियंत्रित करने आदि में इस्तेमाल होती हैं।