चेन्नई। आंध्र प्रदेश में अब सीनियर फार्मासिस्ट को कनिष्ठ विश्लेषक के रूप में नियुक्त किया जा सकेगा। सरकार ने औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं में कनिष्ठ विश्लेषकों के पदों को भरने की कवायद शुरू की है। स्वास्थ्य विभाग से वरिष्ठ फार्मासिस्टों को शामिल करने के लिए एपी औषधि नियंत्रण प्रशासन से संबंधित अधीनस्थ सेवा विशेष नियमों में संशोधन किया है।
नियमों में संशोधन इसी माह से लागू
संशोधन के परिणामस्वरूप, स्वास्थ्य विभाग में वरिष्ठ फार्मासिस्ट औषधि नियंत्रण विभाग में जूनियर विश्लेषक बन सकता है। बशर्ते डीसीए के तहत योग्य प्रयोगशाला तकनीशियन वहां उपलब्ध नहीं हो। यदि पात्र प्रयोगशाला तकनीशियन पदोन्नति के लिए उपलब्ध नहीं है, तो यह पद किसी अन्य विभाग से स्थानांतरण द्वारा फार्मासिस्ट ग्रेड ए से भरा जाएगा।
बता दें कि जूनियर एनालिस्ट की श्रेणी में मूल रिक्तियों की संख्या का 80 प्रतिशत सीधी भर्ती से भरा जाएगा। शेष 20 प्रतिशत के लिए, नियुक्ति प्रयोगशाला तकनीशियन की श्रेणी से पदोन्नति या किसी अन्य सेवा से स्थानांतरण द्वारा नियुक्ति की जाएगी।
फार्मासिस्टों ने मांगी थी पदोन्नति
फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अनुसार, डिग्री योग्यता वाले कार्यरत फार्मासिस्टों की मांग रही है कि उन्हें दवा प्रयोगशालाओं में विश्लेषकों के पद पर पदोन्नत किया जाए। अब तक चार वरिष्ठ फार्मासिस्ट को औषधि नियंत्रण विभाग में कनिष्ठ विश्लेषक के रूप में पदोन्नत किया गया है। विभाग के अधीन फिलहाल जूनियर एनालिस्ट के पद पर प्रोन्नति के लिए योग्य लैब टेक्नीशियन नहीं हैं।
तीन साल की सेवा के बाद मिले पदोन्नति
एसोसिएशन की दूसरी मांग थी कि जूनियर एनालिस्ट के रूप में तीन साल की सेवा के बाद उन्हें ड्रग इंस्पेक्टर के रूप में पदोन्नत किया जाना चाहिए। विजयवाड़ा में दवा परीक्षण प्रयोगशाला के कनिष्ठ विश्लेषक जी सुरेंद्रनाथ ने कहा कि दो फार्मासिस्ट-पदोन्नत-विश्लेषकों को हाल ही में ड्रग इंस्पेक्टरों के रूप में पदोन्नत किया गया है।
विजयवाड़ा के सामान्य अस्पताल में वरिष्ठ फार्मासिस्ट एनवी रेविशंकर ने कहा कि वह 25 वर्षों से विभाग में फार्मासिस्ट हैं। अभी तक सरकार द्वारा उन्हें नियमित नहीं किया गया है। वे अभी भी अनुबंध के आधार पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सेवाओं को देखते हुए सरकार को अनुबंध फार्मासिस्टों को भी कनिष्ठ विश्लेषक के पद पर प्रोन्नति देनी चाहिए।