मुंबई। अमेरिका में प्राइसिंग प्रेशर कम होने, डोमेस्टिक मार्केट में बेहतर ग्रोथ और नए मार्केट की तलाश से सेक्टर का आउटलुक बेहतर दिख रहा है। एक्सपर्ट का मानना है कि फार्मा सेक्टर के हालात बेहतर हुए हैं और 2019 में सेक्टर ग्रोथ की पटरी पर वापस आ जाएगा। सेक्टर के कई शेयर डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहे हैं। ऐसे में डिफेंसिव माने जाने वाले सेक्टर में लो बेस का फायदा निवेशक उठा सकते हैं। हालांकि फार्मा शेयरों में लंबी अवधि का नजरिया रखना जरूरी है।
इंडिपेंडेंट मार्केट एक्सपर्ट श्रीकांत अकोलकर का कहना है कि फार्मा सेक्टर की बात करें तो जहां ग्लोबल मार्केट से जुड़ी चिंताएं भी कुछ कम हुई हैं, वहीं डोमेस्टिक मार्केट में सेक्टर की ग्रोथ बेहतर है। पिछले कई महीनों से यूएस मार्केट में भारतीय कंपनियों पर प्राइसिंग प्रेशर था, जो अब कम हो रहा है। यूएस में इंडियन कंपनियों के जेनेरिक मार्केट में एक बार फिर स्टेबिलिटी दिख रही है। जेनेरिक दवाओं को मंजूरी देने से जुड़े नियमों में बदलाव से भारतीय कंपनियों को चीन के बाजार में भी पैर जमाने में मदद मिलेगी। कई नए प्रोडक्ट को यूएसएफडीए से मंजूरी मिली है, वहीं बड़ी कंपनियों के कई प्रोडक्ट पाइप लाइन में हैं। फॉच्र्यून फिस्कल के डायरेक्टर जगदीश ठक्कर का कहना है कि पिछले 2 साल से भी ज्यादा समय हो गया, जब फार्मा शेयर नहीं चले हैं। इसकी वजह कंपनियों के साथ इश्यू होना नहीं है, बल्कि रेग्युलेटरी कारणों से शेयर परफॉर्म नहीं कर पाए। अमेरिका से फार्मा कंपनियों को सबसे ज्यादा रेवेन्यू आता है, जहां अब रेग्युलेटरी चिंताएं स्टेबल हो रही है। यूएस में प्राइसिंग प्रेशर अभी भी है, लेकिन कंपनियों ने नए बाजारों में अपना फोकस बढ़ाना शुरू किया है। उनका कहना है कि जिन कंपनियों का बेस बड़ा है, लंबी अवधि में उनके साथ चिंता नहीं दिख रही है। लो बेस का फायदा निवेशक उठा सकते हैं। श्रीकांत अकोलकर ने बॉयोकॉन और टोरंट फार्मा में निवेश की सलाह दी है। उनका कहना है कि बॉयोकॉन का यूएस बिजनेस बेहतर हुआ है, वहीं टोरंट फार्मा डोमेस्टिक मार्केट में बेहतर कर रही है। बॉयोकॉन में 1 साल में 25 फीसदी और टोरंट फार्मा में 20 फीसदी के करीब रिटर्न मिल सकता है। यह कंपनी बायोसिमिलर, वैक्सीन, एपीआई जैसे फार्मा प्रॉडक्ट्स और कंज्यूमर वेलनेस प्रॉडक्ट्स के रिसर्च, डेवलपमेंट और मार्केटिंग से जुड़ी है। कैडिला हेल्थकेयर ने तीसरी तिमाही में उम्मीद से बेहतर नतीजे दिए हैं। यूएस बिजनेस में मजबूत ग्रोथ की वजह से कंपनी के रेवेन्यू में सालाना आधार पर करीब 10 फीसदी ग्रोथ रही। कंपनी की बैलेंसशीट भी पहले से बेहतर हुई है। ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसी डायरेक्ट ने शेयर में 370 रुपये का लक्ष्य दिया है। करंट प्राइस 322 रुपये के लिहाज से शेयर में 15 फीसदी रिटर्न मिल सकता है। इसके अलावा, ल्यूपिन ग्लोबल फार्मा कंपनी है जिसके बाद प्रोडक्ट की बड़ी रेंज है। कंपनी ब्रांडेड और जेनेरिक फॉर्मुलेशन, बॉयोटेक्नोलॉजी प्रोडक्ट और एपीआई बनाती है। कंपनी का की-फोकस पेडियार्टिक्स, कार्डियो, एंटी इंफेक्टिव, डायबेटोलॉजी, अस्थमा और एंटी ट्यूबरक्यूलोसिस पर है। ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने शेयर के लिए 1000 रुपये का लक्ष्य दिया है। करंट प्राइस 785 रुपये के लिहाज से शेयर में 27 फीसदी रिटर्न मिल सकता है।