नई दिल्ली। खाद्य उत्पाद बनाने वाली दिग्गज कंपनी नेस्ले ने आखिर स्वीकार कर ही लिया कि उसके सबसे लोकप्रिय उत्पाद मैगी में लेड की मात्रा थी। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी के वकीलों की इस स्वीकारोक्ति से सरकार बनाम नेस्ले की लड़ाई एक बार फिर जोर पकड़ेगी। कोर्ट ने मैगी में लेड की मात्रा को लेकर एनसीडीआरसी द्वारा दर्ज कराए गए मामले पर सुनवाई की। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य सुरक्षा के मानदंडों को पूरा न कर पाने पर पिछले साल टनों की मात्रा में मैगी को नष्ट कर दिया गया था। इसके अलावा, सरकार ने मुआवजे के तौर पर 640 करोड़ रुपए की भी मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट के जज ने नेस्ले के वकील से कहा कि उन्हें लेड की मौजूदगी वाला नूडल क्यों खाना चाहिए? उन्होंने पहले तर्क दिया था कि मैगी में लेड की मात्रा परमीसिबल सीमा के अंदर थी, जबकि अब स्वीकार कर रहे हैं कि मैगी में लेड था।