फरीदाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के लोनी इलाके में स्थित एक नर्सिंग होम में फरीदाबाद की सेहत विभाग की टीम ने रेड की। टीम ने नर्सिंग होम से 3 भ्रूण और पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन बरामद की है। टीम ने दो कथित डॉक्टरों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है, जबकि एक फरार हो गया। यह प्रकरण गाजियाबाद के स्वास्थ्य विभाग को भी कटघरे में खड़ा कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि लोनी की सीमा से लगते हरियाणा के जिलों की महिलाओं को लिंग जांच के लिए ले जाया जाता है। इसमें दलालों का एक पूरा नेटवर्क काम करता है।
विभाग का कहना है कि अभी तक उन्हें सोनीपत, रेवाड़ी, गुड़गांव, फरीदाबाद, पलवल समेत दिल्ली NCR के अन्य जिलों की महिलाओं का लिंग जांच करने की सूचना मिली है। CMO डॉ. रणदीप सिंह पूनिया ने बताया कि फरीदाबाद टीम को तीसरे दिन सफलता मिली। नर्सिंग से तीन भ्रूण और अल्ट्रासाउंड मशीन बरामद हुई। नर्सिंग होम न तो PNDT से पंजीकृत था और न ही अल्ट्रासाउंड मशीन। टीम ने नर्सिंग होम के मालिक डॉ. सतेंद्र और डॉ. पीके त्यागी का पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया, जबकि सुभाष बंसल फरार हो गया। वह दलाल बताया जा रहा है।
फरीदाबाद के स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचना मिली थी कि गाजियाबाद के लोनी कस्बे में कृष्णा नर्सिंग होम में गर्भस्थ भ्रूण की लिंगजांच और गर्भपात का काम किया जाता है। इस CMO डॉ. रणदीप सिंह पूनिया ने PNDT के नोडल अधिकारी डॉ. हरीश आर्य के नेतृत्व में टीम का गठन किया। टीम में SMO खेड़ी कलां डॉ. हरजिंदर सिंह, MO तिगांव डॉ. राखी और सीनियर ड्रग कंटोलर करण सिंह गोदारा ने एक फर्जी गर्भवर्ती महिला तैयार करके छापेमारी की योजना बनाई। डॉ. हरजिंदर सिंह ने बताया कि रणनीति के अनुसार फर्जी गर्भवती महिला की लिंग जांच के लिए नर्सिंग होम के कथित डॉक्टर सुभाष बंसल से संपर्क किया।
सुभाष बंसल 15 हजार रुपए में लिंग की जांच के लिए तैयार हो गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम जब महिला को लेकर लोनी बॉर्डर पर पहुंची तो सुभाष बंसल वहां स्कूटी लेकर पहले से ही खड़ा था। उसने महिला को अपनी स्कूटी पर बिठाकर अकेले नर्सिंग होम चल दिया। बाद में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसका पीछा करते हुए नर्सिंग होम तक पहुंच गए। डॉ. हरजिंदर सिंह ने बताया कि जब उनकी टीम नर्सिंग होम पहुंची तो महिला का अल्ट्रासाउंड हो चुका था।
बाहर निकले सुभाष बंसल ने टीम से कहा जय माता रानी। यानी महिला के गर्भ में लड़की है। लेकिन उसे ये आभास नहीं था कि महिला के साथ आने वाले लोग स्वास्थ्य विभाग से हैं। सूचना पक्की होने के बाद फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग की टीम दो दिन लगातार छापेमारी की, लेकिन कुछ पकड़ में नहीं आया।