आगरा : आगरा का फव्वारा बाजार सैंपल दवाओं के अवैध धंधें में कई वर्षों से लिप्त है, लकिन अब इसकी बिक्री का तरीका बदल गया है। रोजाना सौकड़ों दुकानदार और हॉकर इस धंधे में लगे हुए है। ये सभी देश के कई कोनों दिल्ली गुजरात, महाराष्ट्र से सैंपल की दवाएं लेकर आते हैं।

यहां से इन दवाओं के नॉट फॉर सेल की मुहर हटा दी जाती है औऱ इसपे रेट स्लिप चिपकाकर इस फिर से उसी दाम पर बेच दिया जाता है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पांच साल पहले औषधि विभाग की कार्रवाई के बाद आगरा के फव्वारा दवा बाजार से सैंपल की दवाएं रखना बंद कर दिया। तो वहीं अब हाकर और दवा कारोबारियों ने एक गिरोह बना हाथ मिलाते हुए एक दूसरे के साथ काम करना शुरू किया है।

यह सैंपल की दवाएं अब बस्ती से दूर किराए पर कमरे लेकर रखते हैं। सैंपल की दवाएं ट्रेन, ट्रांसपोर्ट कंपनी और अपनी कार से लेकर आते हैं। हाकरों ने सैंपल की दवाओं की बिक्री का तरीका भी बदल दिया है। वहां के लोगों का कहना है कि सुबह से ही हाकर सैंपल की दवाओं की बिक्री में लग जाते हैं। आटो और बाइक से दवाओं की सप्लाई करते हैं।

दवा कारोबारी सैंपल की दवाएं खरीदने सुबह आठ बजे फव्वारा दवा बाजार पहुंच जाते हैं। वे दवा कारोबारियों की दवाओं की सूची तैयार करते हैं और डिमांड नोट कर पेमेंट ले लेते हैं। गोदाम में पैकेट बनाते हैं, 10 से 12 बजे तक फव्वारा दवा बाजार में हाकर दवा कारोबारियों को सैंपल की दवाएं सप्लाई कर देते हैं। बता दें कि दवा बाजार दोपहर 12 बजे के बाद खुलता है वह इसके पहले ही माल लेकर निकल जाते है।