उन्नाव : हाई कोर्ट ने दवा के नकली साबित न होने पर सभी आरोपियों को जमानत हुए, दो ड्रग इंस्पेक्टर और पांच पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
पुलिस ने तीन महीने पहले खासी की नकली सीरप का दावा करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. ऐसे में आरोपियों पर मामला दर्ज करना और उन्हें गिरफ्तार करना दो ड्रग इंस्पेक्टर और पुलिस कर्मियों को भारी पड़ गया.
हाई कोर्ट ने कहा कि ड्रग इंस्पेक्टर औऱ पुलिसकर्मियों ने शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए यह आदेश जारी किया था. तो वहीं विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में सीरप नकली साबित नहीं हुआ.
बता दें कि उन्नाव की गंगाघाट पुलिस ने दावा था कि कारखाने में नकली सीरप बनाने का कारोबार चल रहा था. जिसपर कार्रवाई करते हुए 28 अगस्त 2021 को शक्ति नगर में एक कारखाने में छापेमारी की गई. उस दौरान खांसी के सीरप की 1540 शीशियां बरामद हुई थीं.
पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था तो वहीं दो को फरार दिखाया था. ड्रग इंस्पेक्टर ने जांच के लिए सैंपल एफएसएल लखनऊ भेजा था. वहीं आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी व एनडीपीएस एक्ट में रिपोर्ट दर्ज की थी.
जिला सत्र न्यायालय से आरोपी अजय बाजपेई की जमानत अर्जी खारिज होने पर हाई कोर्ट में अपील की गई. हाईकोर्ट के आदेश पर शासन द्वारा पेश की गई एफएसएल रिपोर्ट में सीरप नकली व मानव शरीर के लिए नुकसानदायक साबित न होने की पुष्टि हुई. जिसपर कोर्ट ने यह आदेश दिया.