भदोही (उत्तर प्रदेश)। भदोही जिले में कोरोना टेस्टिंग को लेकर एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिले के सरपतहां गांव में संक्रमित अधेड़ की मौत के बाद नौ कोरोना पॉजिटिव मिलने की खबर से ग्रामीणों में हडक़ंप मच गया। ग्रामीणों का कहना है कि जब सैंपल ही नहीं लिया गया तो रिपोर्ट पॉजिटिव कैसे आ गई। हालांकि जिला प्रशासन ने इसकी सूची जारी कर गलती सुधारी। उधर, सीएमओ ने कहा कि संक्रमित मृतक अधेड़ के परिजनों और ग्रामीणों का सैंपल लिया जाएगा।
गौरतलब है कि भदोही में नौ कोरोना संक्रमित मरीज मिले थे। जिला प्रशासन ने गलती से सभी संक्रमितों को सरपतहां गांव का बता दिया, जहां पहले एक कोरोना संदिग्ध अधेड़ की मौत हुई थी। अधेड़ की मौत के बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इस खबर से ग्रामीणों में हडक़ंप मच गया। मृतक के परिजनों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि घटना के पांच दिन बाद भी अब तक सैंपल नहीं लिए गया तो रिपोर्ट कैसे आ गई। उधर, चूक का एहसास होने के बाद जिला प्रशासन ने सभी नौ संक्रमितों की सूची जारी की। इसमें लिखा था कि संक्रमित दूसरे गांवों के थे। सीएमओ संक्रमित अधेड़ की मौत के बाद भी सैंपल नहीं लिए जाने की सूचना से स्वास्थ्य विभाग में हडक़ंप मच गया। आनन-फानन में सीएमओ ने परिजनों और ग्रामीणों का सैंपल लेने की जानकारी दी। सीएमओ डा. लक्ष्मी सिंह ने बताया कि परिजनों व संक्रमित के अंतिम संस्कार में जाने वाले लोगों का सैंपल लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि चिन्हित लोगों को एंबुलेंस से सीएचसी सुरियावां भेजा जाएगा। सरपतहां गांव निवासी अधेड़ की मौत 17 मई की रात मुंबई से घर आते समय मिर्जापुर में हो गई थी। परिजन निजी वाहन से रात में शव घर लाए और अगली सुबह शव का अंतिम संस्कार करने जा रहे थे। शिकायत पर पुलिस ने शव को रोका और कोरोना सैंपल लेने के बाद अंतिम संस्कार के लिए जाने दिया। 21 मई को मृतक की आई रिपोर्ट में वह पॉजिटिव निकला। इसके बाद प्रशासन ने गांव को हॉट स्पाट घोषित कर दिया। लेकिन न तो परिजनों का और न ही अंतिम संस्कार में शामिल लोगों का ही सैंपल लिया गया।