धमतरी। बार-बार नशीली दवा के कारोबारियों को पकड़ा जा रहा है। उसके बावजूद भी नशीली दवा का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जोधापुर निवासी सैलून संचालक श्याम सेन के घर दुर्ग सिटी कोतवाली पुलिस ने आकर नशीली दवा का जखीरा जब्त किया है। यह वही श्याम सेन है जिसकी सूचना स्थानीय पुलिस काे पहले से थी। सूत्राें के मुताबिक 10 जुलाई को 1.60 लाख के ड्रग्स के साथ पकड़े गए युवक ने श्याम सेन के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद भी स्थानीय अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे।

जांच में खुलासा हुआ कि धमतरी के जोधापुर निवासी श्याम सेन से प्रतिबंधित दवाएं खरीदकर एजेंट दुर्ग ले जाते थे। इसके बाद एजेंटों के जरिए ड्रग्स को खपाते थे। धमतरी कोतवाली पुलिस ने 10 जुलाई को 1.60 लाख के ड्रग्स के साथ एक युवक को पकड़ा, तब उसने श्याम सेन के संबंध में जानकारी दी थी, लेकिन जिले के पुलिस अफसर उसे पकड़ने योजना ही बनाते रह गए। जिले का पहला मामला है, जब 20 लाख रुपए की नशीली दवा शहर से पकड़ी गई है। दुर्ग के पुलिस अफसरों ने बताया कि धमतरी से दवाओं की खेप दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद, रायपुर तक सप्लाई की जा रही थी। इसके बाद एजेंट बाइक में फेरी लगाकर ग्राहकों तक 2 गुना दाम में टैबलेट और सिरप की बोतल उपलब्ध करा रहे थे।

इतना ही नहीं युवाओं को नशे की लत लगाने के साथ पार्टियां आयोजित की जा रही थीं, दवाओं का ही सेवन कराया जाता है। यह दवा बाइक, कार और बस के माध्यम से धमतरी से सप्लाई होती थी। इधर दुर्ग पुलिस ने पहले दुर्ग में ही 2 एजेंटों सुरेन्द्र सिंह उर्फ अप्पू और सागर पांडे को पकड़ा। इनसे नशीली दवाएं जब्त कीं। पूछताछ में धमतरी के सप्लायर पता मिला। दुर्ग पुलिस ने शहर में आकर श्याम सेन के घर से नशीली दवाओं का जखीरा जब्त किया। कुल जब्त दवा की कीमत 20.37 लाख है। गिरोह से 4.61 लाख नशील टैबलेट और 1185 सिरप जब्त की है। इसमें से 85% टैबलेट और सिरप श्याम के घर से जब्त हुई हैं।

गिरोह का मास्टरमाइंड मेडिकल रिप्रजेंटेटिव नरेंद्र सेन है, यह फरार है। इसकी तलाश जारी है। दुर्ग सिटी कोतवाली टीआई राजेश बागडे ने 85% ड्रग्स आरोपी श्याम सेन के घर से जब्त हुआ है। इस मामले में कुछ दवा दुकानों व थोक दवा विक्रेताओं के भी नाम सामने आए हैं, इसकी जांच शुरू कर दी है। कई लोगों के रैकेट में शामिल होने की आशंका है। आरोपी सेलून चलाता था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निवेदिता पाॅल ने कहा कि दुर्ग से आकर पुलिस ने कार्रवाई की, इसका अफसाेस है यह कार्रवाई स्थानीय स्तर पर हाेनी चाहिए थी। आगे अब आराेपी से पूछताछ करके जांच करेंगे। साथ ही इस रैकेट पर कार्रवाई की जाएगी।

गिरफ्तार आरोपियों से 665 पैकेट अल्फाजोलम, 21 पैकेट नाइट्राजेपम, 153 पैकेट स्पसन प्लस कैप्सूल, 18 पैकेट स्पस टेयकन प्लस कैप्सूल, 53 पैकेट अल्फाजोलम (461724 टैबलेट) व 10 कार्टन में कोरेक्स सिरप व बाइक सीजी 04- 8730 को जब्त किया। जिसकी कुल कीमत 20 लाख 52 हजार है। आरोपियों के खिलाफ नारकोटिक्स एक्ट के तहत कार्रवाई हुई है। बगैर डॉक्टर पर्ची के प्रतिबंधित दवाएं लोगों को आसानी से मिल रही हैं। इस धंधा में कुछ लोग मेडिकल स्टोर्स संचालक के साथ रैकेट बनाकर काम कर रहे हैं। मेडिकल स्टोर्स से दवाएं परमानेंट ग्राहक को दी जाती हैं, लेकिन नए ग्राहकों के लिए वे पुराने ग्राहक की ही मदद ले रहे हैं। 50 से 100 रुपए के टैबलेट को 300 रुपए में बेचा जा रहा है। कई पुराने ग्राहक को कमीशन पर दवाओं का स्टॉक दे दिया जाता है।