चंडीगढ: केंद्र सरकार ने बेशक स्टेंट के दाम 85 प्रतिशत तक कम कर दिए हैं लेकिन मरीजों को अब भी स्टेंट एक लाख तीस हजार रुपये में मिल रहा है। दवा छोडऩे वाले स्टेंट की कीमत 30180 और मेटल के स्टेंट की कीमत 7400 रुपये तय की गई है। दवा और स्टेंट के दाम तय करने वाली संस्था नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने फरवरी से मार्च 2017 तक मिली शिकायतों के निपटारे से जुड़ी एक रिपोर्ट जारी की है। कुल 40 शिकायतों में से आधी से ज्यादा शिकायतें हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और चंडीगढ़ के अस्पतालों की हैं। इनमें 13 हरियाणा, 6 महाराष्ट्र, 4 कर्नाटक, 4 दिल्ली, 3 पंजाब, 3 चंडीगढ़, 3 उत्तर प्रदेश, केरल, मध्यप्रदेश, तेलंगाना और उत्तराखंड से 1-1 शिकायत मिली है। 25 शिकायतों का निपटारा हो चुका है। 23 में किसी तरह की कोई ओवरचार्जिंग नहीं पाई गई।
फरीदाबाद (हरियाणा)के एक अस्पताल को दो शिकायतों में दोषी पाया गया। जिस पर कार्रवाई करते हुए मरीज को ओवरचार्जिंग के पैसे रिफंड करने के आदेश दिए गए। अब तक आई शिकायतों में से 15 की जांच चल रही है। रिपोर्ट के बाद ही कार्रवाई की जानी है। पेंडिंग शिकायतों में एक अस्पताल जालंधर का भी है। तीन शिकायतें पीजीआई चंडीगढ़ की हैं। पीजीआई अकेला सरकारी अस्पताल है, जिसके खिलाफ ओवरचार्जिंग की शिकायत मिली है।