पटना। बिहार स्टेट फार्मेसी काउंसिल का क्लर्क राजू कुमार साह को रजिस्ट्रेशन करने के बदले 12 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा गया। दरअसल, गया के नगवां (फतेहपुर) निवासी विकास कुमार बी. फार्मा की डिग्री लेने के बाद रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचा था। इसके लिए रिश्वत मांगे जाने पर उन्होंने निगरानी विभाग के पास शिकायत की। आरंभिक जांच में आरोप सही पाए जाने पर आरोपी क्लर्क राजू साह (संविदा लिपिक) के खिलाफ निगरानी थाने में मामला दर्ज किया गया। इसके बाद डीएसपी सर्वेश कुमार सिंह के नेतृत्व में प्लानिंग के अनुसार बीएम दास रोड स्थित ऑफिस में घूस लेते समय क्लर्क को अपनी गिरफ्त में ले लिया। ऑफिस में ही आरोपी क्लर्क की टेबल की तलाशी लेने पर अतिरिक्त 36 हजार 100 रुपए बरामद किए गए। निगरानी मुख्यालय के मुताबिक पूछताछ के बाद आरोपी क्लर्क को निगरानी कोर्ट में पेश किया जाएगा। घूसखोरी के इस मामले में आरोपों के घेरे में रजिस्ट्रार बी. नायक भी हैं। पीडि़त ने क्लर्क के साथ ही रजिस्ट्रार पर भी घूस मांगने के आरोप लगाए हैं। ऑपरेशन में लगे निगरानी डीएसपी के मुताबिक रिश्वत लेते क्लर्क को गिरफ्तार कर लिया गया है। आगे जांच के आधार पर उचित कार्रवाई होगी। पीडि़त के अनुसार क्लर्क ने पहले 5 हजार रुपए घूस मांगी। इसके बाद वेरिफिकेशन के क्रम में निगरानी के एक स्टाफ के साथ पीडि़त विकास कुमार आरोपी क्लर्क के पास पहुंचा। अजनबी को देख क्लर्क ने परिचय पूछा। पीडि़त विकास कुमार ने निगरानी कर्मी को अपना स्टाफ बताया। तब क्लर्क ने पूछा कि इसे कितना मासिक सेलरी देते हो तो विकास ने 12 हजार रुपए सेलरी बताई। यह सुनते ही क्लर्क ने घूस की राशि बढ़ाते हुए कहा कि इतनी ही रकम दे देना तो रजिस्ट्रेशन हो जाएगा।