सामान्यत: दर्द और बुखार से राहत पाने के लिए लोग ऐस्प्रिन का इस्तेमाल करते हैं। इस दवा में ऐटीइंफ्लेमेट्री गुण होते हैं। यह खून को पतला करती है, इसलिए बहुत सारे लोग हार्ट के रोग और स्ट्रोक से बचने के लिए भी इस दवा का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन हाल ही में हुए शोध के बाद वैज्ञानिकों ने इस दवा के प्रयोग को लेकर चेतावनी दी है। वैज्ञानिकों की मानें तो हार्ट और स्ट्रोक की समस्या में ऐस्प्रिन के लगातार प्रयोग से ब्रेन में ब्लीडिंग की समस्या बढ़ सकती है।
‘अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन’ ने भी दी चेतावनी इस नई स्टडी के सामने आने के बाद अमेरिकन हार्ट असोसिएशन और अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियॉलजी ने ऐस्प्रिन नाम की इस दवा के प्रयोग को लेकर गाइडलाइन्स बदल दी हैं। अमेरिकन हार्ट असोसिएशन की वेबसाइट पर लिखा गया है, ‘आपको बिना डॉक्टर की सलाह के रोजाना ऐस्प्रिन की डोज नहीं लेनी चाहिए।’
पहले हुए शोधों में चेताया जा चुका है
इस स्टडी के मुताबिक, हार्ट अटैक और स्ट्रोक को रोकने के लिए रोजाना ऐस्प्रिन की गोली खाने से मस्तिष्क में खतरनाक स्तर तक ब्लीडिंग की समस्या बढ़ सकती है। इसके पहले भी 42 से 74 साल के 1 लाख 30 हजार लोगों पर किए गए एक विश्लेषण में यह बात सामने आई थी कि जो लोग ऐस्प्रिन की बिल्कुल कम डोज का भी रोजाना इस्तेमाल करते हैं, उनमें भी मस्तिष्क में ब्लीडिंग की समस्या 0.63% तक बढ़ जाती है।
मोटे लोगों को ज्यादा खतरा
हार्ट के जो मरीज मोटापे का शिकार हैं, उनमें ऐस्प्रिन के प्रयोग से ऐसी समस्या बढ़ सकती है। शोध के अनुसार एशियन लोग जिनका बीएमआई 25 या इससे ज्यादा है, उनमें ब्लीडिंग की समस्या सबसे ज्यादा होती है। हालांकि डॉक्टरों की सलाह के बाद आप ऐस्प्रिन का प्रयोग कर सकते हैं। उम्रदराज लोगों में ब्लड क्लॉटिंग (रक्त का थक्का जमने) की समस्या ज्यादा होती है, इसलिए डॉक्टर उन्हें ऐस्प्रिन के प्रयोग की सलाह देते हैं।
इस्तेमाल में बरतें सावधानी
इस नए अध्ययन के सामने आने के बाद शोधकर्ताओं ने लोगों को यह हिदायत दी है कि जो नौजवान और 45 साल से अधिक उम्र के लोग हार्ट के मरीज हैं या जिन्हें भविष्य में हार्ट की बीमारी होने की संभावना है, उन्हें ऐस्प्रिन के प्रयोग में सावधानी बरतनी चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह के इस दवा का प्रयोग खतरनाक हो सकता है। ब्रेन ब्लीडिंग गंभीर स्थिति होती है, जो आमतौर पर जानलेवा साबित होती है।