रायपुर (छ.ग.)। राज्य में पिछले एक महीने के दौरान सोलर ऊर्जा से लैस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में सोलर ऊर्जा विहीन स्वास्थ्य केन्द्र की तुलना में 50 फीसदी अधिक मरीज भर्ती हुए हैं। यही नहीं, इन स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रसव संख्या भी दोगुनी हो गई। अध्ययन में सामने आया है कि अगर स्वास्थ्य केन्द्रों में सोलर ऊर्जा के उपकरण लगाए जाते हैं तो ओपीडी, इमरजेंसी व लैब की सेवाओं में सुधार संभव है। यह सभी तथ्य काउंसिल ऑंन एनर्जी एन्वायरमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) के 4 सदस्यीय दल द्वारा राज्य में पिछले एक माह में किए गए अध्ययन में सामने आए हैं।
इस अध्ययन रपट को राज्य के स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया गया है। इन अध्ययन के लिए राज्य के 15 जिलों के 147 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का चयन किया गया। इसमें मुख्य रूप से राज्य के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य परिणामों पर बिजली उपलब्धता की भूमिका का आकलन किया गया है। सीईईडब्ल्यू दल ने राज्य के  जिलों के 83 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जिनमें सोलर ऊर्जा संचालित थी, इनमें दुर्ग, राजनांदगांव, बीजापुर, गरियाबंद, जसपुर, कवर्धा, कोंडागांव, कोरिया, नारायणपुर, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सुकमा, सरगुजा, और सूरजपुर जिलों में अध्ययन किया।