Indian drug market: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया (Mansukh  Mandaviya) ने भारतीय औषिधि बाजार (Indian drug market) में लाभ प्राप्त करने के लिए जापानी फार्मा कंपनियों को आमंत्रित किया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अनुसंधान और नवाचार पर इस तरह के सहयोग से इन नवीन चिकित्सीय विकल्पों की घरेलू उपलब्धता और सामर्थ्य बढ़ाने में मदद मिलेगी । भारत को एक वैश्विक फार्मास्युटिकल हब के रूप में मान्यता प्राप्त है, इसके उद्योग सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं के भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता के रूप में सेवा करके दुनिया भर में स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

भारत में दवा उद्योग (Indian drug market) विदेशी कंपनियों से बहुत अधिक निवेश आकर्षित कर रहा 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत में दवा उद्योग विदेशी कंपनियों से बहुत अधिक निवेश आकर्षित कर रहा है। साझेदारी और गठजोड़ देखने को मिल रहे हैं। इससे वैश्विक दवा कंपनियों के लिये भारतीय बाजार में प्रवेश को लेकर आकर्षक अवसर खुले हैं। इसने वैश्विक दवा कंपनियों के लिए भारतीय बाजार में प्रवेश करने के रोमांचक अवसर खोले हैं। नई उत्पादन लिंक प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं ने भी निर्माताओं को वैश्विक बाजार में आपूर्ति करने के उद्देश्य से भारत में दवाओं का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया है।

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उन्होंने कहा कि भारतीय फार्मा उद्योग ने मुख्य रूप से जेनेरिक दवाओं के निर्माण, बल्कि दवाओं के निर्यात और सक्रिय दवा सामग्री की आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित किया है। भारतीय दवा उद्योग में 3,000 दवा कंपनियों और 10,500 विनिर्माण इकाइयों का नेटवर्क शामिल है। 2030 तक इसके 130 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

इन फार्मा कंपनियों को किया आमंत्रित

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सेल और जीन थेरेपी, जैविक उत्पादों, और डिजिटल उपकरणों के उपयोग जैसे उभरते उपचार की नई विधि और प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान और नवोन्मेष के क्षेत्र में भी जापान को सहयोग के लिये आमंत्रित किया।

बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने सोमवार को  तोक्यो में भारतीय दूतावास में जापानी दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों और जापान फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (जेपीएमए) के सदस्यों के साथ बैठक में यह बात कही।