जींद। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पटियाला चौक स्थित हकीकत नगर में कमलेश नामक महिला के घर पर छापा मारा। यहां से स्वास्थ्य विभाग की टीम को गर्भपात में इस्तेमाल होने वाली कई प्रतिबंधित दवाएं और औजार मिले। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी दवाइयों को कमरे में रखकर उसे सील कर दिया है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग इस मामले की जांच कर रहा है। जानकारी अनुसार डिप्टी सिविल सर्जन एवं पीएनडीटी एक्ट के नोडल अधिकारी डॉ. प्रभुदयाल ने एक दुराचार पीडि़त नाबालिग लडक़ी का गर्भपात करने के मामले में तीन दिन पहले गोहाना रोड स्थित नवजीवन अस्पताल में छापा मारा था। अस्पताल का संचालक नरेश भारद्वाज स्वास्थ्य विभाग की टीम को देखते ही फरार हो गया था। स्वास्थ्य विभाग की टीम की जांच में सामने आया था कि इस अस्पताल में पीडि़त नाबालिग का गर्भपात किया गया है। इससे पहले पीडि़त ने हकीकत नगर निवासी महिला कमलेश से गर्भपात की गोली ली थी, जिससे उसका गर्भपात नहीं हुआ था। कमलेश का नाम सामने आते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसके घर पर छापा मारा। यहां लगभग तीन घंटे तक स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई चलती रही। जिस कमलेश के घर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारा, वह मात्र आठवीं पास है। पता चला कि हकीकत नगर में वह घर पर ही कई वर्षों से डिलीवरी तथा गर्भपात का काम कर रही है। महिला ने अपने प्रचार के लिए पर्चे छपवा रखे हैं। इनमें वह विभिन्न प्रकार की दवाई देने की बात कहती है। डॉ. प्रभुदयाल के अनुसार बिना डिग्री कोई भी डिलीवरी नहीं करवा सकता। यह पूरी तरह से गलत है। आरोपी महिला कमलेश के मकान से गर्भपात के लिए दी जाने वाली एमटीपी किट का एक बॉक्स, दवा, गर्भपात में इस्तेमाल होने वाले कई औजार मिले हैं। इससे साफ है कि इस मकान में गर्भपात का कार्य भी किया जाता था।
नोडल अधिकारी एवं डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. प्रभुदयाल का कहना है कि फिलहाल ड्रग इंस्पेक्टर टीम में शामिल नहीं थे, इसलिए मकान के जिस कमरे में प्रतिबंधित सामान मिला, उसे सील कर दिया गया है। अब ड्रग इंस्पेक्टर की मौजूदगी में कमरे को खोलकर जांच की जाएगी। उसके बाद पुलिस को शिकायत देकर कमलेश के खिलाफ मामला दर्ज करवाया जाएगा। फिलहाल विभाग की जांच जारी है। इस प्रकार के जो अवैध क्लीनिक चल रहे हैं, उनको किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।