सागर/बांदरी (मप्र)। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बांदरी क्षेत्र में छापा मारकर अवैध तरीके से संचालित हो रहे दो नर्सिंग होम सील कर दिए हैं। इन दोनों नर्सिंग होम में बगैर रजिस्ट्रेशन के मरीज भर्ती किए जा रहे थे। वहीं, डॉक्टरों के पास एलोपैथी इलाज की कोई डिग्री भी नहीं मिली। नर्सिंग होम के दो डॉक्टरों में एक के पास क्लीनिक तक का रजिस्ट्रेशन नहीं था। वहीं, दूसरा बीएचएमएस डिग्रीधारी डॉक्टर है, जो दूसरी बार अस्पताल का संचालन करते हुए पकड़ा गया है। हालांकि पहली बार पर्याप्त सबूत नहीं मिलने के कारण डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई थी, लेकिन इस बार अस्पताल में भर्ती मरीजों के साथ, एलोपैथी दवाएं और इंजेक्शन भी मिले हैं।
सीएमएचओ डॉ. एमएस सागर ने जानकारी देते हुए बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर जिले में झोलाछाप और अवैध तरीके चिकित्सा व्यवसाय करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही, जिसमें विभाग की चार सदस्यीय टीम बांदरी पहुंची थी। इसमें प्रभारी नोडल अधिकारी एसएस ठाकुर, बीएमओ डॉ. धर्मेंद श्रीवास्तव, एमओ डॉ. अरजरिया और नर्सिंग होम पंजीयन प्रभारी अरूण कुमार प्रजापति शामिल थे। टीम छापामार कार्रवाई करते हुए पहले बीएचएमएस डॉक्टर जयराम सिंह के क्लीनिक पहुंची, जहां क्लीनिक की आड़ में नर्सिंग होम संचालित हो रहा था। यहां पांच बिस्तर का अस्पताल और मरीज को ड्रिप लगाते हुए पकड़ा गया। वहीं, दूसरा डॉक्टर बीएएमएस डिग्रीधारी डॉ. डीपी यादव था, जो बगैर रजिस्ट्रेशन के अस्पताल का संचालन कर रहा था। डॉक्टर के यहां चार मरीज भर्ती थे, जिन्हें एलोपैथी ट्रीटमेंट दिया जा रहा था। टीम ने दोनों डॉक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए अस्पताल सील कर दिए हैं। गौरतलब है कि डॉ. जयराम इससे पहले 2015 में भी क्लीनिक की आड़ में अस्पताल का संचालन करते हुए पकड़ा गया था, लेकिन सबूतों के अभाव में इसे छोड़ दिया गया। इससे डॉक्टर के मंसूबे और बढ़ गए और उन्होंने क्लीनिक की जगह पांच बिस्तर का अस्पताल शुरू कर दिया। कार्रवाई के दौरान बांदरी थाना प्रभारी रविभूषण पाठक भी मौजूद थे।