पानीपत। जिले में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। नोहरा गांव में पति-पत्नी और 6 वर्षीय बेटा पाॅजिटिव मिले। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ने मरीज को चार दवाएं दी, जिसमें से एक दवा (सिरप) एक्सपायर्ड निकली। दो डोज लेने के बाद मरीज को दवा के एक्सपायर्ड होने का पता चला। काेराेना पॉजिटिव ने जब पत्नी और बेटे की दवा के लिए फोन किया तो नोहरा सब-हेल्थ सेंटर के इसी कर्मचारी ने कहा कि सेंटर से ही दवा आकर ले जाओ या किसी को भेज दो। तो वहीं सीएमओ डाॅ. संतलाल वर्मा ने कहा कि इस मामले की जानकारी मिल चुकी है। नाेडल अधिकारी से इस बारे में जांच करने को कहा है। कहीं न कहीं इसमें ब्लाॅक इंचार्ज और फील्ड कर्मचारी की गलती है।

जांच में गलती मिली ताे सख्त कार्रवाई करेंगे। दरअसल सीएमओ डॉ. संतलाल वर्मा को मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने नोडल अधिकारी डॉ. सुनील संडूजा को केस की जांच करने की जिम्मेदारी दी है। सीएमओ ने कहा कि कर्मचारी की गलती मिली तो कार्रवाई की जाएगी। एक्सपायर्ड दवा के बारे में जब कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति ने हेल्थ कर्मचारी काे फाेन कर बताया ताे उसने कहा कि- ‘काेई इफेक्ट नहीं हुआ ना। किसी भी स्टाेर से दवा ले लाे। नोहरा सब-हेल्थ सेंटर पर काम करने वाले (एमपीएचडब्ल्यू) रविंद्र ने कहा कि एरिया में लंबे समय के बाद काेई पाॅजिटिव केस आया है। दवा पहले से रखी थी, जिसे देख नहीं पाया। मरीज के पास मैंने अगले दिन खुद दवा पहुंचाई।

दरअसल मरीज ने बताया कि मुझे 4 मार्च काे छाती में दर्द और शरीर में कंपन हुई थी। फिर रविंद्रा अस्पताल में एडमिट हुआ, वहां डाॅक्टराें ने टाइफाइड सहित कई टेस्ट किए। 5 मार्च काे काेराेना टेस्ट किया तो रिपाेर्ट पाॅजिटिव मिली। फिर एमपीएचडब्ल्यू रविंद्र का फाेन आया कि दवा ले जाओ। शाम 6 बजे छुट्टी हाेने के बाद बरसत राेड से वाे रविंद्र से दवा लाया। रात-सुबह काे सिरप पीने के बाद डेट देखी तो एक्सपायर्ड मिली। उसने एमपीएचडब्ल्यू काे बताया। वाे बाेला किसी भी मेडिकल स्टाेर से ले लाे। मैंने पता करवाया वाे दवा नहीं मिली। अगले दिन पत्नी व बच्चा पाॅजिटिव मिला। फिर कर्मचारी को फाेन किया कि दवा की दाे किट और दे जाओ। फिर कर्मचारी ने कहा किसी काे भी दवा लेने भेज दो। मेरे कई बार मना करने के बाद वाे दवा दे गया।