मुरैना। लाखों के हुए दवा घोटाले की जांच करने अब आई कैग की टीम पहुंची है। बता दें कि मुरैना स्वास्थ्य विभाग के स्टोर रूम में हुए बहुचर्चित दवा घोटाले की परतें फिर खुलने लगी हैं। स्वास्थ्य विभाग ने तो इस मामले को लगभग दफन कर दिया है, लेकिन अब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (केग) ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। मंगलवार को केग की एक टीम मुरैना पहुंची और उसने ढाई साल पुराने इस मामले की फाइलें खोलना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि यह है मामला साल 2018 में स्वास्थ्य विभाग ने लाखों रुपयों की दवा खरीदी की थी।

इन दवाओं को जिलेभर के अस्पतालों को भेजा जाना था, लेकिन पूरी दवाएं सबलगढ़ अस्पताल के स्टोर रूम को भेज दी गईं। उस समय जिला अस्पताल व सबलगढ़ अस्पताल के स्टोर रूम का चार्ज लोकेश कुशवाह पर था। इस मामले की शिकायतें हुईं और आरोप लगे कि लाखों रुपये की दवाएं खरीदी ही नहीं गईं। यह दवाएं कभी दवा स्टोर में आई ही नहीं, केवल बिल बने और कागजों में ही दवाओं को मुरैना से सबलगढ़ भेज दिया गया, क्योंकि दोनों स्टोर रूम का इंचार्ज एक था इसलिए यह गफलत आसानी से हो गई। इस मामले में तात्कालीन सीएमएचओ डॉ. विनोद गुप्ता ने लोकेश कुशवाह को सस्पेंड किया गया, लेकिन जैसे ही सीएमएचओ को चार्ज डॉ. आरसी बांदिल को मिला उन्होंने लोकेश कुशवाह को बहाल कर फिर से सबलगढ़ में पदस्थ कर दिया गया।

सीएमएचओ बांदिल पर आरोप भी लगते रहे हैं कि उन्होंने इस घोटाले की जांच कभी होने नहीं दी। पूर्व कलेक्टर प्रियंका दास ने डॉ. उदयपुरिया को मामले की जांच दी तो उनका अचानक तबादला करवा दिया गया। कुल मिलाकर इस मामले में जिसने हाथ डाला उसे कुर्सी खोनी पड़ी या तबादला हो गया। सीएमएचओ डॉ. विनोद गुप्ता को पद से इसी केस की जांच कराने के कारण हटना पड़ा। गौरतलब है कि साल 2018 में स्वास्थ्य विभाग के जिला स्टोर रूम और सबलगढ़ अस्पताल के स्टोर रूम में लाखों रुपये की दवाओं का गबन हुआ था। सरकारी रिकार्ड में दवाओं की खरीदी हुई, लेकिन यह दवाएं कहां गईं, यह पता आज तक नहीं चला।

इस मामले में कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायतें हुईं। दो बार जांच समितियां बनी पर किसी भी समिति की जांच पूरी नहीं हुई। इसके बाद शिकायत केग और प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंची, तब केग ने इस पर जांच बैठाई है। मंगलवार को केग के अफसर केपीएस भदौरिया के साथ एक टीम मुरैना आई। टीम ने जिला स्टोर रूम में दवा खरीदी की फाइलें खोलीं और इस घोटाले में मुख्य आरोपित तत्कालीन स्टोर प्रभारी लोकेश कुशवाह से भी करीब दो घंटे तक पूछताछ की है। केग की यह जांच मंगलवार से शुरू हुई और कब तक पूरी होगी, इसे लेकर कोई अफसर कुछ भी कहने तैयार नहीं।