अंबाला। टीबी रोगियों की जानकारी रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक नया तरीका अपनाया है। बता दें कि क्षय रोगियों के नियमित दवा लेने पर स्वास्थ्य विभाग निगरानी रखेगा। इसके लिए क्षय रोगियों की टैबलेट के रैपर पर एक टोल फ्री नंबर लिखा होगा। इसमें मरीज सात दिन की दवा खाने के बाद टोल फ्री नंबर पर फोन करेगा। यह मोबाइल सीधे विभाग के पास रिकॉर्ड हो जाएगा। इससे स्वास्थ्य विभाग को भी पता लग जाएगा कि मरीज ने सात दिन की दवा खाली है।
बता दें कि अंबाला में करीब 2442 क्षय रोगी हैं, जो टीबी अस्पताल में पंजीकृत हैं। टीबी अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब 200 मरीज इलाज के लिए आते हैं। यहां पर चिकित्सकों को दिखाने के बाद मरीज दवा काउंटर पर जाते हैं। काउंटर से मरीजों को एक महीने की दवा दी जाती है। वहीं क्षय रोगियों की सुविधा के लिए लैब और नई एक्सरे मशीन मिली है। अब मरीजों को जांच और एक्सरे के लिए सिविल अस्पताल नहीं जाना होता है।
स्वास्थ्य विभाग क्षय रोगियों के लिए डॉट्स सेंटर बनाता है। यहां पर आशा और आंगनबाड़ी मरीजों को अपने सामने दवा देती है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग आशा और आंगनबाड़ी महिलाओं को प्रोत्साहन राशि देता है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने क्षय रोगियों को दवा लेने पर नियमित निगरानी रखेगा। इसके लिए क्षय रोगियों की टैबलेट पर मोबाइल नंबर लिखे हैं। इसमें मरीज को एक महीने की दवा दी जाती है। इसमें हर गोली पर टोल फ्री नंबर लिखा है। इस नंबर पर फोन करने से मरीज का डाटा स्वास्थ्य विभाग के पास पहुंच जाएगा। इसमें रिकॉर्ड में आ जाएगा कि मरीज ने कितने दिन की दवा खा ली है।
इसी प्रकार 15, 20 और 30 दिन में फोन करना होगा। इसके बाद मरीज को अस्पताल से दवा मिलेगी। इससे क्षय रोगियों को बेहतर इलाज होगी। अभी देखने को मिलता है कि क्षय रोगी दवा बंद कर देते हैं। क्षय (टीबी) रोगी मिलने पर मरीज को नियमित करीब छह से सात महीने दवा खानी होती है। इसमें देखने में आत है कि मरीज दो से तीन महीने दवा खाने के बाद छोड़ देते हैं। ऐसे में मरीजों के बार-बार दवा छोड़ने पर दवा काम करनी बंद कर देती है। ऐसे मरीजों को एमडीआर की श्रेणी में रखा जाता है।
वहीं दवा 30 दिन खाने के बाद मरीज को अस्पताल में आने पर दोबारा से मिल जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो क्षय रोगी को टैबलेट देने से पहले मरीज का पंजीकरण किया जाता है। इस पंजीकरण के आधार पर ही रिकॉर्ड रखा जाता है। हाल ही में सरकार ने मरीजों की सुविधा के लिए योजना को शुरू किया है। इस संबंध में डिप्टी सिविल सर्जन डा. पवन ने बताया कि टैबलेट की हर गोली के रैपर पर टोल फ्री नंबर लिखा है। इस पर फोन करने पर मरीज का रिकॉर्ड विभाग के पास पहुंच जाएगा।